क्या रूस भारत को निर्यात किए गए हथियारों के पुर्जों को 'वापस खरीद' रहा है, क्यों उठा ये सवाल
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क्या रूस भारत को निर्यात किए गए हथियारों के पुर्जों को 'वापस खरीद' रहा है, क्यों उठा ये सवाल

Ukraine War: दावा किया जा रहा है कि रूस उन्‍हीं देशों से ये हथियार वापस मांगेगा जिनके साथ उसके लंबे समय से सैन्य संबंध हैं. रूस हथियारों का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है.

क्या रूस भारत को निर्यात किए गए हथियारों के पुर्जों को 'वापस खरीद' रहा है, क्यों उठा ये सवाल

Russia Ukraine War: रूस यूक्रेन युद्ध शुरू हुए एक साल से अधिक का वक्त गुजर चुका है. रूस को इस युद्ध में वैसी सफलता नहीं मिल सकी है जिसकी उसे उम्मीद है. उल्टा उसे इतना नुकसान पहुंचा है कि भारत और म्यांमार से अपने हथियारों को वापस लेने पर विचार कर रहा है. वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. भारत और रूस के बीच मजबूत सैन्य और राणनीतिक रिश्ते रहे हैं. रिपोर्ट में किया गया यह दावा अगर सच होता है तो भारत के साथ रूस के रिश्ते पर इसका गहर असर पड़ सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक रूस उन्‍हीं देशों से ये हथियार वापस मांगेगा जिनके साथ उसके लंबे समय से सैन्य संबंध हैं. फरवरी 2022 में यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू होने के बाद से अमेरिका, यूरोपीय देशों और जापान ने रूस को संभावित सैन्य उपयोग वाले सामानों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.

निक्कईएशिया.कॉम के मुताबिक उसका यह दावा क्लीयरेंस डाटा के विश्लेषण के आधार पर पर किया गया है. वेबसाइट के मुताबिक  अमेरिकी रिसर्च फर्म इम्पोर्टजीनियस के जरिए उसे रूस पहुंची खेपों के बारे में कस्मट क्लीयरेंस डाटा मिला है.  इसके अलावा उसने भारत और अन्य स्रोतों से प्राप्त निर्यात-आयात आंकड़ों का भी अध्ययन किया. इसमें उसने हथियार के पाट-पुर्जों के रूस में हुए आयात पर गौर किया. इन हथियारों में टैंक और मिसाइलें शामिल हैं.

भारत रूस रिश्तों पर पड़ सकता है गहरा असर
अमेरिकी रिसर्च कंपनी इम्पोर्टजेनियस, से भारत के एक्जिम ट्रेड के मिले आंकड़ों के बाद रूस के टैंकों और मिसाइलों जैसे आयातित हथियारों के रिकॉर्ड की जांच की गई. इसके मुताबिक यूरालवैगनजावॉड (UralVagonZavod), जो रूसी सेना के लिए टैंक बनाने वाली कंपनी है उसने नौ दिसंबर, 2022 को 24 मिलियन डॉलर के साथ म्यांमार सेना से सैन्य उत्पादों का आयात किया.

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) के मुताबिक, रूस हथियारों का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है, भारत इसका सबसे बड़ा ग्राहक है. पिछले एक दशक में रूस के विदेशी हथियारों के शिपमेंट का 35% हिस्सा भारत को निर्यात किया गया है.

रूस की कंपनी ने भारत से खरीदें कुछ पार्ट्स
रिपोर्ट के मुताबिक रूस की एनपीके केबीएम, मशीन-बिल्डिंग डिजाइन ब्यूरो ने भी भारत से कुछ पार्ट्स खरीदे. यह कंपनी मिसाइल के उत्‍पादन से जुड़ी है. इसने  भारतीय रक्षा मंत्रालय से जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के लिए अगस्‍त और नवंबर 2022 में नाइट-विजनके लिए कुल छह पुर्जें 150,000 डॉलर में खरीदे.

ये सभी पुर्जे, यह सुनिश्चित करते हैं कि मिसाइलें रात में और कम रोशनी में भी निशाना बना सके. ये पुर्जे KBM द्वारा निर्मित किए गए थे. कंपनी ने फरवरी 2013 में भारत को इसी तरह के प्रकार के पुर्जों का निर्यात किया था. रिपोर्ट के मुताबिक न तो केबीएम और न ही भारतीय मंत्रालय ने टिप्पणी का कोई जवाब दिया. रिपोर्ट के मुताबिक रूस के लिए टैंक बनाने वाली कंपनी  UralVagonZavod, ने, 9 दिसंबर, 2022 को $24 मिलियन में म्यांमार सेना से सैन्य उत्पादों का आयात किया. इन उत्पादों को UralVagonZavod द्वारा बनाए जाने के रूप में पंजीकृत किया गया था.

जी-7 नेताओं की अन्य देशों से अपील
जापान के हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन में सात नेताओं के समूह ने पिछले महीने अन्य देशों से रूस के लिए सैन्य समर्थन समाप्त करने के लिए कहा था. टोक्यो के हितोत्सुबाशी विश्वविद्यालय में हथियार नियंत्रण का अध्ययन करने वाले प्रोफेसर नोबुमासा अकियामा ने कहा, ‘लेकिन उन देशों से सहयोग हासिल करना मुश्किल है, जो रूसी निर्मित हथियारों पर भरोसा करते हैं.‘

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