Puja Direction Astrology Tips: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के समय वास्तु और दिशा का विशेष महत्व होता है. पूजा के दौरान सही दिशा में मुख रखने से विशेष फल प्राप्त होते हैं. साथ ही, पूजा में कुछ विशेष नियमों का पालन करना भी आवश्यक है.
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Puja Direction Astrology Tips: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ की अपार महत्व है. जब हम अपने इश्वर की उपासना करते हैं, तो कुछ विशेष नियम और प्रथाएं हैं, जिसका हमें अनुसरण करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब हम पूजा-पाठ या जप करते हैं, तो हमें सही दिशा में ही मुख करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा विशेष फल की प्राप्ति के लिए लाभदायक है, वहीं पूजा के समय गलत दिशा में मुख होने गलत प्रभाव पड़ता है. पूजा के समय कुछ विशेष नियमें का पालन भी बहुत महत्व रखता है.
सही दिशा और फल
ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा शक्ति और शौर्य का प्रतीक है. इसलिए पूजा के समय पूर्व दिशा में मुख करना अधिक श्रेष्ठ माना जाता है. हालांकि, पश्चिम दिशा में मुख करके जप करने से धन, वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. दक्षिण दिशा में मुख करके जप करने से षट्कर्मों की प्राप्ति होती है. उत्तर-पश्चिम दिशा में मुख करके जप करने से शत्रु और विरोधियों पर विजय प्राप्त होती है. दक्षिण-पूर्व में मुख करके जप करने से आकर्षण और सौंदर्य की प्राप्ति होती है. दक्षिण- पश्चिम में मुख करके जप करने से किसी विशेष व्यक्ति के दर्शन की इच्छा पूरी होती है.
पूजा के विशेष नियम
भगवान शंकर को अक्षत, मदार और धतूरे चढ़ाने चाहिए, वहीं भगवान विष्णु को ये चीजें नहीं चढानी चाहिए. सूर्य देव, गणेश जी और भैरव बाबा को लाल फूल पसंद हैं, जबकि शंकर भगवान को सफेद फूल चढाने चाहिए. मां दुर्गा को भी लाल फूल बहुत पसंद है, इसलिए उन्हें गुड़हल का फूल चढ़ाना चाहिए. पूजा के समय फूलों की कलियां नहीं चढ़ानी चाहिए. नैवेद्य यानी प्रसाद को किसी विशेष पात्र में ही चढ़ाना चाहिए. पूजा के समय देवता को चढाया हुए प्रसाद जल्दी उठा लेना चाहिए. हमेशा बैठ कर पूजा करना चाहिए. पूजा से पहले फर्श पर आसन बिछाएं और उस पर बैठ कर पूजा करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)