Sandeshkhali News In Hindi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दौरे पर जा रहे हैं. वैसे तो प्रधानमंत्री का यहां कई विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे. लेकिन संदेशखाली के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh) की गिरफ्तारी और पूरे मामले पर मचे सियासी बवाल के बीच ममता बनर्जी के लिए प्रधानमंत्री का बंगाल दौरा टेंशन बढ़ाने वाला हो सकता है. बीजेपी को उम्मीद है कि वह संदेशखाली के मुद्दे के सहारे आने वाले लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. लेकिन हैरानी की बात है कि बीजेपी के लिए ये पिच शाहजहां शेख और शुवेंदु अधिकारी जैसे नेताओं ने ही तैयार की है जो कभी ममता बनर्जी के खास रहे हैं. आइए समझते हैं कि ऐसा कैसे हो गया है.
बता दें कि संदेशखाली कांड का मुख्य आरोपी शाहजहां शेख 10 दिनों की पुलिस हिरासत में है. अब से कुछ घंटे बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल पहुंचेंगे तो मंच से ममता बनर्जी के खिलाफ ना सिर्फ चुनावी बिगुल फूकेंगे बल्कि संदेशखाली पर घिरीं ममता बनर्जी के खिलाफ सियासी तीर भी छोड़ेंगे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री यहां करीब 22,000 करोड़ की विकास योजनाओं की सौगात भी देंगे. यानी साफ है कि बीजेपी और मोदी ममता बनर्जी को कानून व्यवस्था और विकास के मुद्दे पर घेरने की कोशिश में है.
संदेशखाली के मास्टरमाइंड शाहजहां शेख की हिरासत के बाद ममता बनर्जी ने भले ही उसे पार्टी से निकाल दिया हो. लेकिन संदेशखाली की महिलाओं से यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर BJP ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है. ऐसे में बीजेपी तुष्टिकरण, शाहजहां शेख जैसे अपराधियों को संरक्षण देने और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेर रही है. विधानसभा चुनाव के बाद जिन बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के कंधे बंगाल में झुके हुए थे वह संदेशखाली की घटना के बाद उठ गए हैं. बीजेपी लगातार प्रदर्शन कर रही है. और कहना गलत नहीं होगा कि पूर्व टीएमसी नेता शाहजहां शेख की वजह से ही बीजेपी के हाथ ये मुद्दा लगा है.
एक तरफ तो शाहजहां शेख की वजह से ममता बनर्जी की मुश्किल बढ़ी हैं. जबकि दूसरी तरफ बीजेपी की तरफ से खुले मोर्चे को ममता बनर्जी के पुराने साथी और बीजेपी नेता शुवेंदु अधिकारी लीड कर रहे हैं. शुवेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं. वह बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं. संदेशखाली कांड के सहारे बीजेपी लगातार ममता को घेर रही है. जान लें कि ममता बनर्जी, शुवेंदु अधिकारी को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि वो शुवेंदु अधिकारी ही हैं जिन्होंने ताल ठोक के टीएमसी छोड़ बीजेपी ज्वाइन की. उसके बाद नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी को विधानसभा चुनाव हरा दिया.
हालांकि, पश्चिम बंगाल में दीदी के किले में सेंध लगाना इतना आसान नहीं होने वाला है. क्योंकि ZEE NEWS & MATRIZE के ओपिनियन पोल में बंगाल में कांटे की टक्कर दिख रही है. ओपिनियन पोल के मुताबिक, बीजेपी को इस बार 1 सीट कम यानी 17 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि TMC को 24 सीटें मिल सकती हैं जो पिछली बार से 2 सीट ज्यादा हैं. जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट जाने का अनुमान है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल के चुनावी समर में TMC से सीधी लड़ाई में बीजेपी है. बीजेपी हर हाल में यहां से भी पिछली बार की तुलना में अपनी सीटों की संख्या बढ़ाना चाहती है. पिछले 2019 के चुनाव में बीजेपी ने बंगाल की 42 सीटों में से में 18 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि TMC के खाते में 22 सीटें आई थीं. कांग्रेस को 2019 में पश्चिम बंगाल की सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली थी.
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