Poveglia Island: इटली का पोवेग्लिया आइलैंड दुनिया का सबसे डरावना द्वीप माना जाता है. कभी खूबसूरती के लिए फेमस यह द्वीप आज एकमात्र खंडहर बना हुआ है. यहां से आने वाली चीख इसके काले इतिहास के बारे में लोगो को काफी कुछ बताती है.
साल 1776 में पोवेग्लिया आइलैंड का इस्तेमाल वेनिस से आने-जाने वाले लोगों के लिए चेक प्वॉइंट के रूप में किया जाता था. इस दौरान यहां बंदरगाह पर आने वाले 2 जहाजों में प्लेग के कई मामले देखे गए.
साल 1793-1814 तक पोवेग्लिया क्वारंटाइन स्टेशन के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा. जिस किसी में भी प्लेग के लक्षण दिखते थे उसे घसीटते हुए यहां लाया जाता था. इस बीमारी का इलाज न मिलने पर यहां मौजूद 60,000 लाख पीड़ितों को जिंदा जला दिया गया.
साल 1922 में पोवेग्लिया आइलैंड की इमारत को पागलखाने में तब्दील कर दिया गया था. 'द सन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां पर एक डॉक्टर ने 1930 तक मरीजों पर क्रूड लोबोटॉमी का एक्सपेरिमेंट किया और उन्हें खूब यातनाएं दी.
डॉक्टर मरीजों एक्सपेरिमेंट करने के लिए जिन टूल्स का इस्तेमाल करता था वे आज भी वहां मौजूद हैं. कहा जाता है कि डॉक्टर ने बाद में आत्माओं से तंग आकर द्वीप के एक बेल टॉवर से कूदकर अपनी जान दे दी थी. विशेषज्ञों का दावा है कि इस द्वीप का 50 प्रतिशत हिस्सा दाह संस्कार से निकली मानव राख से बना है.
पोवेग्लिया द्वीप को लेकर कहा जाता है कि यहां 160,000 लाख मृतकों की आत्मा भटकती है. यहां से आज भी शाम होते ही चीखने की आवाज आती है. आइलैंड को पूरी तरह बंद कर दिया गया है. इसी कारण से इसे दुनिया की सबसे डरावनी जगहों में से एक माना जाता है.
आइलैंड को लेकर इस तरह की बातें सामने आने के बाद इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया. यह द्वीप 2 हिस्सों में बंटा हुआ है. एक हिस्से में सड़ा-गला मेंटल हॉस्पिटल है तो वहीं इसका दूसरा हिस्सा पूरी तरह जंगल बन चुका है.
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