Sri Lanka Crisis: पहले कर्ज में डुबोया, भूखे मरने की नौबत तक पहुंचाया; फिर चीन ने दी श्रीलंका को बधाई
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Sri Lanka Crisis: पहले कर्ज में डुबोया, भूखे मरने की नौबत तक पहुंचाया; फिर चीन ने दी श्रीलंका को बधाई

Xi Jinping offers support to Sri Lanka: श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन के बावजूद देश की दशा में जरा सा भी सुधार नहीं आया है. आज भी लोग ईंधन और राशन की किल्लत से परेशान है. महंगाई ऐतिहासिक रूप से चरम पर है. इस बीच चीन ने एक बार फिर श्रीलंका को मदद का भरोसा दिलाया है.

Sri Lanka Crisis: पहले कर्ज में डुबोया, भूखे मरने की नौबत तक पहुंचाया; फिर चीन ने दी श्रीलंका को बधाई

Xi Jinping congratulates Ranil Wickremesinghe: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर बधाई दी है. इसके साथ ही चीनी राष्ट्रपति ने अपनी क्षमता के अनुसार श्रीलंका को और आर्थिक मदद प्रदान करने की पेशकश की. सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, विक्रमसिंघे को अपने संदेश में राष्ट्रपति चिनफिंग ने कहा, ‘वह चीन-श्रीलंका संबंधों को बहुत महत्व देते हैं और अपनी क्षमता के अनुसार विक्रमसिंघे और श्रीलंकाई लोगों को सहायता प्रदान करना चाहते हैं.’

  1. चीनी राष्ट्रपति ने दी श्रीलंका को बधाई
  2. नए राष्ट्रपति को भेजी हैं शुभकामनाएं
  3. नए सिरे से मदद का दिया है आश्वासन

हम दोनों पारंपरिक पड़ोसी: चीन

रॉयटर्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक शी जिनपिंग ने श्रीलंका को 65 साल पहले बने राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से दोनों देशों को ‘एक-दूसरे के पारंपरिक मित्रवत पड़ोसी’ बताते हुए अपनी बात आगे बढ़ाई है. चीनी प्रीमियर ने कोलंबो समेत पूरे देश की स्थिति में जल्द ही बदलाव आने की उम्मीद जताते हुए कहा कि अभी तक तो दोनों देशों ने बड़े और छोटे देशों के बीच मैत्रीपूर्ण वार्ता और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग का एक उदाहरण स्थापित किया है. जिनपिंग का कहना है कि आगे भी उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों के रिश्ते बेहतर रहेंगे. इस विषय में चीनी राष्ट्रपति का मानना है कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के नेतृत्व में श्रीलंका अस्थायी कठिनाइयों को दूर करेगा और आर्थिक और सामाजिक सुधारों की प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाएगा.

सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है देश

चीन के राष्ट्रपति ने अपने संदेश में आगे ये भी कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों पक्ष अपनी पारंपरिक दोस्ती को आगे बढ़ाएंगे, राजनीतिक आपसी विश्वास को मजबूत करेंगे और ईमानदारी से पारस्परिक सहायता एवं स्थायी मित्रता वाली रणनीतिक साझेदारी को लगातार आगे बढ़ाते रहेंगे. विक्रमसिंघे को बृहस्पतिवार को श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलायी गयी थी. उनके पूर्ववर्ती गोटबाया राजपक्षे देश से भाग गये थे और पिछले सप्ताह उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. गौरतलब है कि चारों ओर समुद्र से घिरा ये आईलैंड कंट्री यानी श्रीलंका सन 1948 के बाद से अब तक के सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है. जहां लोगों के पास राशन, दवाओं, रसोई गैस और ईंधन की जबरदस्त किल्लत बनी हुई है.

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