पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का प्लान ये था कि अमृतपाल के जरिए वारिस पंजाब दे को खड़ा करना है. फिर सिख चरमपंथियों को वारिस पंजाब दे से जोड़ना है. लोकसभा चुनाव में इस संगठन के लोगों को संसद में पहुंचाना है. इसके बाद इनके जरिए संसद में खालिस्तान की आवाज बुलंद करना है