अचानक किसी को छूने पर क्यों लगता है करंट का झटका, जानें इसके पीछे का साइंस
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अचानक किसी को छूने पर क्यों लगता है करंट का झटका, जानें इसके पीछे का साइंस

बहुत बार ऐसा होता है कि किसी चीज में करंट न होने के बावजूद भी उसे छूने से अचानक करंट का हल्का सा झटका लगता है. आइए इस लेख में जानते हैं कि इसके पीछे की साइंस क्या है? क्या ये करंट आपके लिए घातक हो सकता है? साथ ही ये भी जानेंगे कि इससे बचने के लिए क्या कर सकते हैं.

अचानक किसी को छूने पर क्यों लगता है करंट का झटका, जानें इसके पीछे का साइंस

Electric shock :अक्सर ऐसा होता है कि किसी चीज करंट न होने के बावजूद भी उसे छूने से अचानक करंट का हल्का सा झटका लगता है. मगर क्या आपने कभी सोचा है कि ये कैसे होता है? क्यों किसी चीज को छूने पर हमें करंट लगता है?. इसके पीछे की साइंस बहुत दिलचस्प है, जिसके बारे में आपको भी जानना चाहिए. आइए इस लेख में जानते हैं कि इसके पीछे की साइंस क्या है? क्या ये करंट आपके लिए घातक हो सकता है? साथ ही ये भी जानेंगे कि इससे बचने के लिए क्या कर सकते हैं.

छूने पर क्यों करंट लगता है?

आइए सबसे पहले कुछ बेसीक चीजें जानते हैं. दुनिया की हर चीज एटम से बनी होती हैं. एक एटम में इलेक्ट्रॉन (Electron), प्रोटॉन (Proton), और प्रोटॉन(Proton) से बना होती है. प्रोटॉन में पॉजिटिव चार्ज  (Positive Charge) इलेक्ट्रॉन नेगेटिव चार्ज (Negative Charge) और न्यूट्रॉन न्यूट्रल होता है. यहां प्रोटॉन और न्यूट्रॉन न्यूक्लियस के अंदर होते हैं और इलेक्ट्रॉन उस न्यूक्लियस का चक्कर लगाती हैं. 
हमारा शरीर भी इन्हीं इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन और न्यूट्रॉन वाले एटम से बनी हुई है. आमतौर पर हमारे शरीर में भी इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन की संख्या बैलेंस रहती है. मगर कभी-कभी ये संख्या इंबैलेंस हो जाती है. जब इन दोनों की संख्या में अंतर आता है तब इलेक्ट्रॉन उछलने लगते हैं. 

करंट लगने के पीछे की साइंस

दरअसल जो चीजें गुड कंडक्टर होती हैं वो इलेक्ट्रॉन को आसानी से बाहर जाने देती हैं. वहीं जब कोई चीज बैड कंडक्टर होती है तो उसमें इलेक्ट्रॉन को बाहर जाने से रोकती हैं इसलिए इसमें कई बार इलेक्ट्रॉन इकठ्ठा हो जाते हैं. अब उस चीजे से कोई कंडक्टर टच होता है तो दोनों इलेक्ट्रॉन अपनी संख्या बैलेंस करते हैं जिसकी वजह से करंट लगता है. इसको साइंस की भाषा में स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी (static electricity) कहते हैं. ये स्थिती तब पैदा होती है जब इलेक्ट्रॉन किसी वस्तु से दूसरी वस्तु पर स्थानांतरित होते हैं. आपने ध्यान दिया होगा ये आमतौर पर ऊनी कपड़े, सिंथेटिक फाइबर वाले कालीन जैसे कपड़े पहने होते हैं तभी करंट अधिक लगते हैं. असल में ये बैड कंडक्टर होते हैं और इसमें आसानी से इलेक्ट्रॉन स्टोर हो जाता है, और जब हमारा शरीर किसी दूसरे कंडक्टिंग बॉडी से टकराता है तो हमें हल्का सा करंट का अनुभव होता है. खास बात ये है कि ये करंट बहुत हल्का होता है जिससे कोई नुकसान नहीं होता है.

अगर कोई इसे बार बार अनुभव कर रहा है तो इससे बचने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं.

कपड़ों का चुनाव: नेचुरल कपड़े जैसे सूती या रेशमी कपड़े पहनें.
मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल: नियमित रूप से मॉइस्चराइजर का उपयोग करें.
धातु की वस्तुओं को छुएं: जब आप किसी इमारत या कार से बाहर निकलते हैं, तो धातु की वस्तु को छूकर स्टैटिक बिजली को जमीन में प्रवाहित करें.

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