जब कपल लंबे समय तक एक दूसरे से दूर रह रहे हैं. उनके रिश्ते में खटास आ गई है. ऐसे मौके पर शादी को बचाने के लिए बेबी प्लान करना गलत फैसला हो सकता है. पहले 1 से 2 साल उन्हें अपने रिश्ते को समय देना चाहिए. कई केस में प्रेग्नेंसी कंसीव के बाद भी रिश्ता टूटता हुआ देखा गया है.
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सनातन धर्म में शादी 7 जन्मों का बंधन माना जाता है. वहीं आज के समय में कुछ लोगों की शादी 7 जन्म तो क्या 7 साल तक नहीं टिक पा रही है. न चाहते हुए भी कई बार कपल की शादी ऐसे राह पर निकल जाती है जहां पर रिश्ता टूटता हुआ नजर आता है. वहीं परिवार के लोग शादी बचाने के लिए क्या कुछ नहीं करते हैं. अक्सर आपने भी अपने आसपास ऐसा सुना या फिर देखा होगा कि टूटती शादी के लिए परिवार के लोग बेबी प्लान करने के लिए बोलते हैं. उनका मानना होता है कि बच्चे के आने से शादी टूटने से बच सकती है. लेकिन बेबी प्लान करना हर टूटती शादी को बचाने के लिए कामयाब नहीं है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि शादी को बचाने के लिए बेबी प्लान कैसे कुछ महिलाओं के लिए गलत फैसला साबित हुआ है. सीमा (बदला हुआ नाम) ने हमारे साथ अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है.
सीमा की कहानी
इस फैसले पर वैसे तो सबकी अलग अलग राय और अनुभव हो सकते हैं. लेकिन नोएडा की रहने वाली सीमा (बदला हुआ नाम) अपना एक्सपीरियंस शेयर करती हैं. वह बताती हैं कि कैसे उनके लिए ये फैसला ज्यादा खराब रहा. इस वजह से रिश्ता सही होने के बजाय और तनावपूर्ण मोड़ पर आ गया. सीमा ने बताया की शादी के 3 से 4 महीने तक सब अच्छा था. उसके बाद उनके सास-ससुर ने रोकटोक शुरू कर दी. शुरुआत में सीमा ने कुछ नहीं बोला, फिर समय के साथ चीजें काफी बढ़ गई है.
इस दौरान सीमा का पति उनका साथ नहीं देता था. सीमा ऑफिस और घर का काम अकेले ही करती थी. ऐसे में सीमा और उनके पति के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर अक्सर लड़ाई रहती थी. समय के साथ चीजें बढ़ गई है. शादी के लगभग 1 साल बाद दोनों के रिश्ते में खटास आ गई है. सीमा अपने माता-पिता के घर आकर रहने लगी. सीमा इस शादी में नहीं रहना चाहती थी. सीमा के परिवार ने शादी बचाने के लिए उन्हें परिवार बढ़ाने की सलाह दी.
सीमा ने अपने पति से बात की और रिश्ते की नई शुरुआत की...सीमा ने प्रेग्नेंसी कंसीव की इसके बाद सीमा को लगा उसका रिश्ता बच जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ था. सीमा की डिलीवरी उनके माता-पिता के घर पर हुई. सीमा ने बेटे को जन्म दिया. बेटे के जन्म के बाद उनके रिश्ते में कोई सुधार नहीं आया. आज सीमा अकेले बेटे की देखभाल कर रही हैं. सीमा का कहना है कि शादी बचाने के लिए बेबी प्लान करना उनकी लाइफ का सबसे गलत फैसला था.
टूटती शादी को बचाने के लिए बेबी प्लान करना क्यों हो सकता है गलत फैसला
1. एक नई जिंदगी को दांव पर लगाना
टूटती की हुई शादी को बचाने के लिए बेबी प्लान करना गलत फैसला भी हो सकता है. इससे आने वाले बच्चे की लाइफ दांव पर होती है. बच्चे को लाइफ में माता-पिता का प्यार नहीं मिल पाता है. अधिकतर बच्चे अपने मां के साथ रहते हैं.
2. बच्चे की परवरिश की जिम्मेदारी
सिंगल मदर के लिए एक बच्चे की परवरिश करना बेहद कठिन होता है. बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए माता-पिता दोनों की जरूरत होती है.
3. बच्चे की मानसिक हेल्थ
बचपन से माता-पिता की शादी को टूटते हुए देखना किसी भी बच्चे के लिए अच्छा नहीं होता है. इसका असर उनके मानसिक विकास पर पड़ता है.
4. पैसों की चिंता
कुछ केस में शादी टूटने में कई साल लग जाते हैं ऐसे में महिला को पति से कई बार पैसे नहीं मिलते हैं. ऐसे में महिला के ऊपर घर और बच्चे की जिम्मेदारियां होती है. ऐसे में खर्चों की प्लानिंग और बचत करना महिला के लिए बेहद कठिन होता है.
5. माता-पिता का प्यार
टूटती हुई शादी को बचाने के लिए बेबी प्लान करना एक बड़ा रिस्क हो सकता है. कुछ केस में देखने को मिला है कि बेबी प्लान के बाद भी शादी नहीं चल पाती है. ऐसे में उस बच्चे को सही से माता-पिता दोनों का प्यार एक साथ नहीं मिल पाता है.
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