रमेश अवस्थी का भले ही सियासी गलियारों से न गुजरे हों, लेकिन पिछले कई सालों मैंगो फेस्टिवल का आयोजन कराते रहे हैं, जिसकी वजह से वह चर्चा का विषय बनते थे.
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आम, गर्मी का राजा, स्वाद का बादशाह! इन दिनों बाजारों में आमों की खुशबू से महक रहा है. लोग भी गर्मी से राहत पाने के लिए और स्वाद का लुत्फ उठाने के लिए आमों का भरपूर आनंद ले रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आम सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं है, बल्कि यह कई लोगों की किस्मत भी बदल रहा है? जी हां, मैंगो फेस्टिवल से सबकी नजर में आए रमेश अवस्थी अब कानपुर से बीजेपी से तरफ से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
देश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों मे से एक कानपुर भी है. इस शहर को 'लेदर सिटी' के नाम से भी जाना जाता है. इस बार के लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने जहां कानपुर से ब्राह्मण कार्ड चलते हुए आलोक मिश्रा को अपना कैंडिडेट चुना, वहीं भाजपा ने भी इसके मुकाबले रमेश अवस्थी को टिकट दिया. आज हम रमेश अवस्थी की लाइफस्टाइल के बारे में चर्चा करेंगे और उनके जीवन से जुड़े कुछ अहम किस्सों के बारे में बात करेंगे.
मैंगो फेस्टिवल से हुए फेमस
रमेश अवस्थी का भले ही सियासी गलियारों से न गुजरे हों, लेकिन पिछले कई सालों मैंगो फेस्टिवल का आयोजन कराते रहे हैं, जिसकी वजह से वह चर्चा का विषय बनते थे. दिल्ली और कानपुर में आयोजित होने वाले 'भारत आम महोत्सव' और 'कानपुर आम महोत्सव' के जरिए रमेश अवस्थी पिछले एक दशक से ज्यादा टाइम से दुनिया भर में भारत की विभिन्न आम किस्मों को बढ़ावा दे रहे हैं और किसानों को समृद्ध बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. इन उत्सवों में आम उत्पादक किसान भाग लेते हैं और उन्हें उनके अच्छे कामों के लिए सम्मानित भी किया जाता है. पिछले साल, रमेश अवस्थी ने दिल्ली में भारत का सबसे बड़ा और चर्चित 'भारत आम महोत्सव' का आयोजन किया था.
पीएम मोदी ने किया रोड शो
बीते शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर में अपने प्रत्याशी रमेश अवस्थी के लिए रोड शो किया, हर लिहाज से ऐतिहासिक, भव्य और यादगार माना जा रहा है. रोड शो के दौरान भारी भीड़ देख पीएम मोदी काफी गदगद दिखे. खुले वाहन में सवार होकर पीएम मोदी का काफिला जहां से भी गुजरा, जोश और उमंग से भरे लोगों ने 'मोदी-मोदी', 'भारत माता की जय' और 'फिर एक बार मोदी सरकार' के नारे लगाए.
फर्रुखाबाद के रहने वाले हैं रमेश अवस्थी
रमेश अवस्थी मूल रूप से फर्रुखाबाद के रहने वाले हैं, जबकि वह कानपुर में 1986 से रह रहे हैं. उनका फैमली ब्रैकग्राउंड राष्ट्रीय सेवक संघ से जुड़ा रहा है. 1967 में उनके भाई ब्रह्मदत्त अवस्थी ने फर्रुखाबाद में चुनाव लड़ा था और वह भी संघ के कार्यक्रम में हमेशा एक्टिव रहे हैं. 1990 के दौर में फर्रुखाबाद के एक डिग्री कॉलेज में बतौर छात्र नेता उन्होंने अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था.