साल 2019-20 में हमारे देश में नागरिकता संशोधन कानून और NRC के मुद्दे पर काफी गतिरोध हुआ था. उस समय CAA कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में 100 से ज्यादा दिनों तक आंदोलन चला. एक बार फिर से इस विषय पर बहस शुरू हो गई है. असम सरकार ने पांच जनजातियों को चिह्नित कर उन्हें मूल रूप से असम का माना है. यानी उन्हें स्वदेशी मुसलमानों का दर्जा दिया है. कहा ये भी जा रहा है कि सरकार का ये फैसला उन लोगों को चिह्नित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है जो अवैध रूप से बांग्लादेश से असम में दाखिल हुए हैं.
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