आपको याद होगा इसी साल 21 जनवरी में कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित एक स्कूल में कुछ बच्चों द्वारा नमाज पढ़ी गई थी. अब झारखंड के सरकारी स्कूल में भी इसी तरह का मामला सामने आया है. यह पूरा घटनाक्रम इस बात की तरफ इशारा करता है कि हमारे देश के स्कूलों में धार्मिक कट्टरवाद का जहर घोलने की शुरुआत हो चुकी है. DNA में आज हम बात करेंगे क्या स्कूल में 'प्रार्थना' से खतरे में है 'इस्लाम'?