लोकतंत्र का सबसे बड़ा मन्दिर देश की संसद है. संसद लोकतंत्र के ईंधन से चलती है. और ये ईंधन उसे देश के लोगों से मिलता है. लेकिन जिन जनप्रतिनिधियों को सेवक माना गया है, वो तमाम सुविधाएं होते हुए भी देश की संसद को चलने नहीं देते. मॉनसून सत्र राजनीतिक हंगामे की वजह से नहीं चल पा रहा है. इस रिपोर्ट में देखिए हंगामे के चलते संसद के ना चलने से देश को कितना नुकसान हो रहा है.