कौन हैं जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य?, 22 भाषाओं का ज्ञान और 8 ग्रंथों की रचना की

Amitesh Pandey
Feb 01, 2025

Jagadguru Sri Rambhadracharya

जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य इन दिनों महाकुंभ प्रयागराज में हैं. शनिवार को सीएम योगी आदित्‍यनाथ महाकुंभ पहुंचे तो रामभद्राचार्य ने उन्‍हें गले लगा लिया. रामभद्राचार्य द्वारा योगी को गले लगाने की तस्‍वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. आइये जानते हैं जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य के बारे में...

महाकुंभ पहुंचे

दरअसल, शनिवार को संतोष दास जी महाराज उर्फ सतुआ बाबा का शनिवार को जगद्गुरु के तौर पर पट्टाभिषेक हुआ.

गले लगाया

इस कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्‍यनाथ भी शामिल हुए. इस दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने योगी को गले लगा लिया.

शिक्षक, विद्वान और लेखक

रामभद्राचार्य सम्मानित शिक्षक, विद्वान और लेखक हैं. इन्हें उनके विशाल ज्ञान और हिंदू धर्म के प्राचीन ग्रंथों की गहरी समझ के लिए जाना जाता है.

राष्‍ट्रीय संत समिति के संस्‍थापक

रामभद्राचार्य राष्ट्रीय संत समिति के संस्थापक हैं, जो धार्मिक और सामाजिक कल्याण के लिए एक संगठन है.

राम मंदिर

रामभद्राचार्य ने अयोध्या राम मंदिर के फैसले में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

दृष्टि खो दी

रामभद्राचार्य ने 24 मार्च 1950 को ट्रेकोमा के संक्रमण के कारण अपनी दृष्टि खो दी थी.

प्रारंभिक शिक्षा

रामभद्राचार्य के पिता बंबई में काम करते थे. ऐसे में उनके दादा ने उन्हें प्रारंभिक शिक्षा प्रदान की.

दादा से मिली प्रेरणा

उनके दादा अक्सर उन्हें दोपहर में रामायण और महाभारत जैसे हिंदू महाकाव्यों की कहानियां सुनाते थे.

पहली कविता

तीन साल की उम्र में ही रामभद्राचार्य ने पहली कविता लिख डाली थी.

कहां जन्‍म हुआ

रामभद्राचार्य का जन्म मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी 1950 को यूपी के जौनपुर जिले के शांडीखुर्द गांव में हुआ था.

22 भाषाओं का ज्ञान

रामभद्राचार्य को 22 भाषाओं का ज्ञान है. वह 80 ग्रंथों की रचना कर चुके हैं. इतना ही नहीं उन्‍हें पद्म विभूषण से सम्‍मानित किया जा चुका है.

डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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