महाकुंभ के 33वें दिन भी भारी संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाए, अब तक दुनियाभर से 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु शामिल हो चुके हैं, जो किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन में अब तक की सबसे बड़ी सहभागिता है.
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अमेरिका, रूस, ब्राजील, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे बड़े देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक हो चुकी है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया था, लेकिन यह आंकड़ा 50 करोड़ को पार कर गया है और समापन तक 55-60 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है.
इस महाकुंभ में न केवल भारत से, बल्कि पूरी दुनिया से श्रद्धालु आ रहे हैं. गुरुवार को 86 लाख और शुक्रवार को 94 लाख श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में पवित्र स्नान किया.
महाकुंभ के दौरान स्वच्छता अभियान के तहत 300 कर्मियों ने तीन प्रमुख घाटों राम घाट, भरद्वाज घाट और गंगेश्वर घाट पर सफाई अभियान चलाया. MNIT के प्रोफेसर्स गवाह बने और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इसकी आधिकारिक घोषणा करेगी.
मौनी अमावस्या (8 करोड़), मकर संक्रांति (3.5 करोड़), बसंत पंचमी (2.57 करोड़) और अन्य स्नान पर्वों पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. जो अब तक 50 करोड़ से अधिक हो चुकी है.
ड्रोन कैमरों, सीसीटीवी निगरानी, डिजिटल पास और अन्य तकनीकी सुविधाओं का उपयोग कर श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है. ताकि श्रद्धालुओं किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो.
अभी महाकुंभ के समापन में 12 दिन बाकी हैं, जिसमें एक और महत्वपूर्ण स्नान पर्व शेष है, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या 55-60 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है.
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