Varanasi Beggar News: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक स्टार्टअप के माध्यम से शहर को पूरी तरह भिखारी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है. बेगर्स कॉरपोरेशन ने भिखारियों को कारोबारी बनाने का जिम्मा उठाया है. भिखारियों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण के साथ सेंटर खोले हैं.
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Varanasi Beggar News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को देश का पहला भिखारी मुक्त शहर बनाने की योजना तैयार की गई है. इस योजना को पूरा कराने के लिए अगले तीन साल चरणबद्ध तरीके से काम किया जाएगा. इस प्लान पर काम लगातार किया जा रहा है. स्टार्टअप के माध्यम से शहर में भीख मांगने वाले बच्चे और हर उम्र के लोगों की पहचान की जा रही है. भिखारियों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण के साथ सेंटर खोले जा रहे हैं. भिखारियों को काम पर लाने वाले नागरिकों को वाराणसी बेगर कॉरपोरेशन एक हजार का नकद पुरस्कार देगा. इसके साथ ही भीख मांगने के लिए मजबूर इन असहाय लोगों को रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.
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भिखारियों को सशक्त बनाने की कोशिश-बेगर्स कॉरपोरेशन संस्थापक चंद्र मिश्रा
बेगर्स कॉरपोरेशन संस्थापक चंद्र मिश्रा ने सोमवार को मीडिया को बताया कि हम स्टार्टअप के माध्यम से शहर को पूरी तरह भिखारी (Beggar) मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं. हालिया आंकड़ों की बात करें तो शहर में 6000 से ज्यादा लोग आर्थिक तंगी के कारण भीख मांगने पर मजबूर होते हैं, लेकिन 2022 में शुरू हुए इस स्टार्टअप के माध्यम से काशी जिले में भीख मांगने वाले लोगों को समाज की प्रमुख धारा से जोड़कर, उन्हें रोजगार देकर सशक्त बनाने की कोशिश है. इसी को देखते हुए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. भिखारियों को पूजन सामग्री और अन्य फल-फूल की दुकान शुरू करने के लिए मदद दी जा रही है.
शहर को पूरी तरह भिखारी मुक्त बनाने का प्रयास
उन्होंने बताया कि करीब 6 हजार भिखारियों में 1400 बच्चे भी शामिल हैं. परिवार या बच्चों के साथ रहने वाले 18 से 40 साल तक के शारीरिक रूप से सक्षम भिखारियों को तीन महीने का प्रशिक्षण देकर कॉटन बैग बनाने के साथ-साथ अपनी पूजा-सामग्री और फूल की दुकानें शुरू करवाने का अभियान नए साल में शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही 2024 में हम अपने अभियान को तेजी देते हुए 2027 तक शहर को पूरी तरह भिखारी मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में भी कई ऐसे लोग हैं जो भीख मांगने के लिए मजबूर थे. लेकिन इस प्रयास के माध्यम से अब वह प्रति महीना 12 हजार रुपये कमा रहे हैं. ये लोग समाज की मुख्य धारा से जुड़ चुके हैं.
सम्मान के साथ कमाई
अप्रैल 2024 में 50 भिखारी परिवारों से शुरुआत करके मार्च 2027 तक 6 चरणों में 1 हजार भिखारी परिवारों को रोजगार से जोड़ने का प्लान है. बेगर कॉरपोरशन ने वर्तमान में 17 परिवारों को भीख के जाल से बाहर निकाला है, जो विभिन्न कामों में लगकर सम्मान के साथ कमाई कर रहे हैं. इनमें कुछ ने उद्यमिता प्रशिक्षण के दौरान प्रति माह 12 हजार रुपये तक कमाए हैं.
भिखारियों को हिस्सेदारी
बेगर्स कॉरपोरशन पहली ऐसी कंपनी है, जिसमें भिखारियों को हिस्सेदारी मिलेगी. बेगर्स कॉरपोरेशन भिखारियों को हर महीने 10 हजार रुपये और तीन साल के बाद 1 लाख रुपये की न्यूनतम आजीविका सहायता देने के लिए उनके साथ 3 साल का अनुबंध कर रहा है. भिखारियों को हिस्सेदारी मिलने से तीन साल में न्यूनतम 4.6 लाख रुपया मिलेगा.
भिखारी लाने पर मिलेगा इनाम
बेगर्स कॉरपोरेशन संस्थापक चंद्र मिश्रा ने काशी के लोगों से अपील करते हुए कहा कि अब शहर में अगर ऐसे लोग दिखे तो उन्हें भीख देने की बजाए हमारे तक पहुंचाएं. भीख मांगने वालों को हम तक पहुंचने वाले लोगों को इनाम के रूप में एक हजार रुपये दिये जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर आप जिले को भिखारियों से मुक्त चाहते हैं तो आप इस संस्था के मोबाइल नंबर 9336109052 पर कॉल कर सूचित कर सकते हैं. कॉरपोरेशन ने सरकार और प्रशासन से सर्वेक्षण कराकर असली भिखारियों की पहचान करने और उन्हें पहचान पत्र जारी करने का अनुरोध किया है.
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