Rakhi 2022: इन राखियों में हर्बल पेंटिंग की गई है जिससे वो काफी आकर्षित लग रही हैं... इसके साथ भी उन्होंने इसमें कई सब्ज़ियों के बीज भी डाले गए हैं. जिससे रक्षाबंधन के बाद ये राखी मिट्टी में डाली जाए और गांव के गोबर से खाद बन जाए.... बीज से सब्जी के पेड़ बन जाएं.
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सैय्यद आमिर/रामपुर: रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2022) आने वाला है और ऐस में बहनें अपने भाई की कलाई सजाने के लिए तैयारियां कर रही हैं. राखियों की खरीददारी जोरों पर है. अलग अलग डिजाइन की राखियां बाजार को गुलजार कर रही हैं. उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) के रामपुर (Rampur) के प्रांजल अग्रवाल (Pranjal Aggarwal) ने गाय के गोबर से हर्बल राखियां बनाई हैं.
राखियों में डाले गए कई सब्जियों के बीज
इन राखियों में हर्बल पेंटिंग की गई है जिससे वो काफी आकर्षित लग रही हैं. इसके साथ भी उन्होंने इसमें कई सब्ज़ियों के बीज भी डाले गए हैं. जिससे रक्षाबंधन के बाद ये राखी मिट्टी में डाली जाए और गाय के गोबर से खाद बन जाए. बीज से सब्जी के पेड़ बन जाएं. यही नही प्रांजल अग्रवाल ने व्हाट्सएप के माध्यम से इन राखियों को देश के कई हिस्सों में बेचना भी शुरू कर दिया है. इसकी कीमत भी उन्होंने काफी कम रखी है.
ईको फ्रेंडली राखी से प्राकृतिक फायदे
प्रांजल बताते हैं कि ईको फ्रेंडली राखी (eco friendly rakhi) से प्राकृतिक फायदे बहुत ज़्यादा है. जो लोग इसका इस्तेमाल करेंगे उनको भी इसके फायदे हैं. ये राखियां एक तरफ स्किन को कोई नुकसान नहीं देतीं, वहीं दूसरी तरफ ये पर्यावरण (environment) के लिए भी काफी लाभकारी है.
गाय के गोबर से बनी राखियां पर्यावरण के लिए लाभकारी
प्रांजल बताते है कि गाय के गोबर (Cow Dung) का इस्तेमाल से बनाई गई ये राखियां वापस पर्यावरण को बहुत लाभ देगी. दूसरा इसको लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं. प्रांजल ने सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से देश के कई हिस्सों में ये राखियां इस रक्षाबंधन (Rakshabandhan) पर बेचना भी शुरू कर दिया है. प्रांजल इसके लिए कई दिनों से तैयारी कर रहे थे. काफी मेहनत के बाद उन्होंने इन राखियों को आकर्षक बनाने में सफलता हासिल की है.