Ghaziabad Name Change: 9 जनवरी को हुई नगर निगम की बैठक में गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पास कर दिया गया था. नगर निगम में सभी पार्षदों ने इस प्रस्ताव का ताली बजाकर स्वागत किया था. पार्षदों का कहना है कि गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग लंबे समय से हो रही है.
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Ghaziabad Name Change: गाजियाबाद शहर का नाम बदलने को लिए नगर निगम बैठक में प्रस्ताव पास हो गया है. अब इस पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का कहना है कि गाजियाबाद का नाम अपने आप में पहले से ही प्रसिद्ध है, लेकिन अगर उत्तर प्रदेश सरकार इसका नाम बदलना ही चाहती है तो मेरा सुझाव है कि इसका नाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर योगी आदित्य नगर रख दिया जाए. इस नाम का कोई जिला उत्तर प्रदेश में पहले से भी नहीं है.
नगर निगम बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास
बता दें कि इससे पहले 9 जनवरी को हुई नगर निगम की बैठक में गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पास कर दिया गया था. नगर निगम में सभी पार्षदों ने इस प्रस्ताव का ताली बजाकर स्वागत किया था. पार्षदों का कहना है कि गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग लंबे समय से हो रही है. नगर निगम अब इस प्रस्ताव को शासन को भेजेगा. शासन से संस्तुति मिलने के बाद नाम बदल दिया जाएगा.
ये तीन नाम शासन को भेजे गए
गाजियाबाद का नाम बदलने के बाद नया नाम क्या होगा, इसको लेकर भी चर्चाएं तेज हैं. ऐसे में बताया गया कि गाजियाबाद का नया नाम हरनंदी नगर, गजप्रस्थ, दूधेश्वर नगर हो सकता सकता है. बताया गया कि गाजियाबाद नाम नवाब गजिउद्दीन के नाम पर रखा गया, जो मुस्लिम आक्रांताओं की याद दिलाता है. हिन्दू संगठन की तरफ से लगातार नाम बदलने की मांग की जा रही है. अब गाजियाबाद नगर निगम की बोर्ड बैठक में गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा गया और सदन में उसे हरी झंडी दिखा दी गई है.
तीनों नाम के पीछे ये है खास वजह
दरअसल जो तीन नाम शासन को भेजे गए हैं, उनके पीछे की कहानी भी आपको समझाते हैं. हरनंदी हिंडन नदी का दूसरा नाम है और गाजियाबाद हिंडन नदी के किनारे ही बसा है, इसलिए इसका नाम हरनंदी नगर करने की मांग गाजियाबाद के जनप्रतिनिधि और कई हिन्दू संगठनों द्वारा की जा रही थी. साथ में गाजियाबाद में दूधेश्वर नाथ पीठ भी है, जिसकी आम लोगों में काफी मान्यताएं हैं. माना जाता है कि यहां पर भगवान शिव का शिवलिंग है, जिसकी पूजा रावण के पिता करते थे. ऐसे में इस स्थान का पौराणिक महत्व समझते हुए गाजियाबाद का नाम दूधेश्वर नगर किए जाने की मांग भी लगातार लोगों द्वारा की जा रही है. तीसरा नाम गजप्रस्थ, उसके पीछे की वजह दिल्ली का पुराना नाम इंद्रप्रस्थ होना है. जहां इंद्रप्रस्थ राज्य के हाथी रहा करते थे और उस जगह का नाम गाजियाबाद रखा गया था, जिससे जोड़ते हुए लोग गाजियाबाद का नाम परिवर्तित कर गजप्रस्थ करने की मांग की है.