Phulpur Bypoll 2024: फूलपुर में कांग्रेस ने सपा की राह में बोए कांटे, 15 प्रत्याशियों की दावेदारी बढ़ाएगी अखिलेश की टेंशन
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2416358

Phulpur Bypoll 2024: फूलपुर में कांग्रेस ने सपा की राह में बोए कांटे, 15 प्रत्याशियों की दावेदारी बढ़ाएगी अखिलेश की टेंशन

Phulpur seat byelection 2024:  फूलपुर सीट पर उपचुनाव से पहले कांग्रेस और सपा में खींचतान बढ़ सकती है. कांग्रेस से चुनाव लड़ने के दावेदारों के नाम भी सामने आ रहे हैं. कांग्रेस से 15 लोगों ने आवेदन कर फूलपुर से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है.

Phulpur Bypoll 2024

Phulpur Bypoll 2024: फूलपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस और सपा में खींचतान बढ़ती जा रही है. कांग्रेस से चुनाव लड़ने के दावेदारों के नाम भी सामने आ रहे हैं. कांग्रेस से 15 लोगों ने आवेदन कर फूलपुर से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. गठबंधन के तहत फूलपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है, सपा भी फूलपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए तैयारियों में जुटी है. फूलपुर सीट बीजेपी सांसद प्रवीण पटेल के इस्तीफे के बाद खाली हुई है.

दावेदारों में ये नाम
कांग्रेस के दावे वाली सीटों में फूलपुर भी शामिल है. कांग्रेस ने यहां इलाहाबाद सीट से सांसद उज्जवल रमण सिंह को पर्यवेक्षक बनाया है. फूलपुर विधानसभा में संगठन की बैठक में राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी शामिल होने पहुंचे थे. उनके सामने 15 कांग्रेस नेताओं ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए आवेदन किया है, इसमें सुरेश यादव, संजय तिवारी, फुजैल हाशमी समेत 15 नाम शामिल हैं. कांग्रेस नेहरू-गांधी की पारंपरिक सीट होने की दलील देते हुए दावा ठोक रही है.

फूलपुर में साढ़े तीन दशक का सूखा
कांग्रेस भले यह दावा कर रही हो कि फूलपुर में उसकी पैंठ मजबूत है लेकिन हकीकत इससे अलग नजर दिखाई पड़ती है. कांग्रेस फूलपुर सीट पर आखिरी बार साल 1985 में जीती थी. 35 साल में एक बार छोड़कर हर बार पार्टी प्रत्याशी की जमानत जब्त हुई है. अब जब यहां उपचुनाव होना है तो विपक्ष से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट को लेकर रार छिड़ी दिख रही है.

सपा भी तैयारियों में जुटी
समाजवादी पार्टी भी दमखम के साथ फूलपुर उपचुनाव की तैयारियों में जुटी है. सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल समेत कई बड़े नेताओं की नुक्कड़ सभाएं हो चुकी हैं. बूथ स्तर पर मीटिंग करके सपा अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर चुकी है. सपा ने यहां इंद्रजीत सरोज को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें समाजवादी पार्टी की जीती हुई 5 सीटें हैं. सपा को उन्हीं पर मैदान में उतरना चाहिए. बाकी बची पांच सीटों को कांग्रेस को दिया जाना चाहिए. 

सीट के सियासी समीकरण
फूलपुर में जातीय समीकरण को देखें तो यहां ओबीसी वोटर निर्णायक भूमिका में हैं, एससी वोटर भी अच्छी तादात में हैं. फूलपुर सीट पर बीते दो विधानसभा चुनाव से बीजेपी का कब्जा है. सपा यहां आखिरी बार 2012 में जीती थी, सईद अहमद यहां से विधायक बने थे. कांग्रेस के मुकाबले सपा ने यहां ज्यादा बार परचम लहराया है. कांग्रेस उम्मीदवार महेंद्र प्रताप 1985 में यहां से जीते. 1989 में कांग्रेस यहां दूसरे नंबर पर रही. सपा ने यहां 1993 में पहली बार जीत का स्वाद चखा, जवाहर पंडित यहां से विधायक बने, इसके बाद 1996 में उनकी पत्नी दो बार विधायक बनीं. 2007 में प्रवीण पटेल बसपा के सिंबल पर चुनाव जीते थे.

उत्तर प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें UP News और पाएं प्रदेश की हर पल की जानकारी । उत्तर प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

सुल्तानपुर एनकाउंटर,ज्वेलर्स से करोड़ों लूटने वाले इनामी डकैत STF के हत्थे चढ़े

UP News: तो CM योगी नई पार्टी बनाकर बुलडोजर चुनाव चिन्ह रख लें, अखिलेश यादव ने दी चुनौती

Trending news