IPS Ilma Afroz Case: हिमाचल सरकार द्वारा लंबी छुट्टी पर भेजी गई इलमा अफरोज ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी है. मुरादाबाद के कॉलेज कार्यक्रम में इलमा बोलीं- मैंने ईमानदारी और मेहनत से काम किया व नशा तस्करों और खनन माफियाओं पर लगाम कसी.
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मुरादाबाद: मुरादाबाद की कुंदरकी निवासी और हिमाचल प्रदेश में आईपीएस अधिकारी इलमा अफरोज इन दिनों सुर्खियों में हैं. पूरे मामले पर गौर करें तो स्थानीय विधायक राम कुमार चौधरी से हिमाचल प्रदेश के बद्दी जिले की एसपी इल्मा अफरोज की तनातनी हो गई जिसके बाद से वो छुट्टी पर हैं. यहीं नहीं मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई. अधिकारी इल्मा अफरोज के छुट्टी पर जाने पर भाजपा ने सीधे सवाल उठाया है. पार्टी नेता शांता कुमार ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से सवाल किया कि बद्दी की पुलिस सुपरिटेडेंट इल्मा अफरोज को क्या कुछ 'प्रभावशाली नेताओं' को खुश करने के लिए छुट्टी पर भेजा गया है. हालांकि, मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस बारे में पहले कहा था कि पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए अफरोज छुट्टी पर गई हैं.
ये है पूरा मामला
पूरे मामले की बात करें तो हिमाचल प्रदेश के बद्दी जिले की एसपी इल्मा अफरोज का स्थानीय विधायक राम कुमार चौधरी से हुए टकराव के बाद से ही वह लंबी छुट्टी पर हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कुछ वक्त पहले विधायक की पत्नी की गाड़ी का उन्होंने चालान काटा, इसी दौरान दोनों के बीच जबरदस्त तनातनी हो गई.
हिमाचल प्रदेश में किए कामों का किया जिक्र
अब, उन्होंने अपने गृह जनपद मुरादाबाद में एक कॉलेज के कार्यक्रम में पहुंची जहां पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश के बद्दी जिले में किए काम के बारे में बाताया और अपनी सफलता से वहां मौजूद छात्राओं को प्रेरित किया. उन्होंने छात्राओं को संबोधित किया और अपना अनुभव साझा किया. इस दौरान इलमा अफरोज ने मंच से छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि ये मत सोचना की डिग्री ली है तो सिर्फ कुंदरकी तक रह सकती हो, अपनी जर्नी बताते हुए इलमा ने कहा कि कुंदरकी में रहकर मैंने फैसला किया कि ऑक्सफोर्ड में पढ़ना है तो मैं पहुच गई. मैंने फैसला किया कि संयुक्त राष्ट्र में काम करना है तो मैंने कर लिया. मैंने डिसाइड किया था कि काम करने अमेरिका जाना हैं तो पहुंच गई न्यूयॉर्क सिटी काम करने है.
नशे के खिलाफ, खनन माफिया खिलाफ काम किया
मुरादाबाद की कुंदरकी निवासी आईपीएस इलमा ने ये भी कहा कि न्यूयॉर्क में मैंने फैसला किया कि मुझे अपने देश के लिए काम करना है तो मैं वापस आयी और सिविल सेवा की परीक्षा दी. इंडियन पुलिस सेवा में जब चयन हो गया तो फैसला किया कि लोगों के लिए अब जिले में काम करना है तो बद्दी की पुलिस अधीक्षक बनी. मैंने अच्छे से दिल लगाकर मेहनत से काम किया. नशे के खिलाफ, गंदे नशों के खिलाफ अभियान चलाया व युवाओं और बच्चों को गंदे नशे से बचाया. जो बड़े बड़े ड्रग्स तस्कर थे गंदे नशों का कारोबार करते थे उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया. जो खनन माफिया था, जो तस्करी करते थे, जो बच्चों की जिंदगी खराब कर रहे थे, उनको नशे के इंजेक्शन बेच रहे थे, उनके खिलाफ जमीनी स्तर पर अभियान चलाया और तस्करों को जेल भिजवाया. खनन माफिया पर लगाम कसी. ये सारा काम जिले में जाकर मैंने किया. मैंने अपने जिले के लाखों लोग के साथ बद्दी पुलिस और मैंने बहुत मोहब्बत व ईमानदारी साथ पूरी सत्य निष्ठा से अपनी जिम्मेदारी निभाई.
आईपीएस इलमा ने बताई मन की बात
आईपीएस इलमा ने आगे कहा कि मेरे कहने का मतलब ये है कि तुम कहीं से भी हो, तुम कहीं तक भी जा सकते हो, बस तुम में हिम्मत जज्बा, हौशला व खुद पर विश्वास हो तो. सबसे पहले हमारा देश हमारा भारत है बाद में मैं, ये फीलिंग अपने अंदर रखना. जो करना है देश के लिए करना है देश के लोगों के लिए मेहनत करना है. हालांकि इलमा ने मीडिया से बात करने को मना किया लेकिन लंबे समय से साधी चुप्पी इलमा ने अपने मन की बात रख दी.
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