Barabanki fraud: मुद्रा लोन के नाम पर किसानों साथ करोड़ों का फ्रॉड, बैंक मैनेजर सहित कर्मचारी भी शामिल, ऐसे हुआ खुलासा
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Barabanki fraud: मुद्रा लोन के नाम पर किसानों साथ करोड़ों का फ्रॉड, बैंक मैनेजर सहित कर्मचारी भी शामिल, ऐसे हुआ खुलासा

Barabanki fraud: बाराबंकी जिले मे एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमे बैंक से एक रुपये का लोन लिया नहीं और कई किसान लाखों के कर्ज में डूब गए है. इतना ही नहीं, उनके घर पर कुर्की और नीलामी का नोटिस अलग से पहुंच गया.

 

Barabanki fraud: मुद्रा लोन के नाम पर किसानों साथ करोड़ों का फ्रॉड,  बैंक मैनेजर सहित कर्मचारी भी शामिल, ऐसे हुआ खुलासा

Barabanki fraud: यह हैरान करने वाला मामला बाराबंकी जिले से सामने आया. जहां बैंक से कई किसानों को कर्ज वसूली का नोटिस भेजा गया. नोटिस में किसानों को चेतावनी दी गई कि अगर निर्धारित समय में कर्ज अदा नहीं किया तो चल और अचल संपत्ति की कुर्की व नीलामी की जाएगी. नोटिस देखकर किसान दंग रह गए, क्योंकि वे बैंक तो गए थे मगर उनको कोई बहाना बताकर ऋण नहीं दिया गया था. जिसके बाद कई किसानों की तहरीर पर पुलिस ने जब छानबीन शुरू की, तो करोड़ों का बैंक फ्रॉड निकलकर सामने आया. इस फ्रॉड में खुद बैंक मैनेजर, कर्मचारी और एक अन्य शख्स शामिल था. यहां करीब 60 लोगों के नाम से फर्जीवाड़ा हुआ है

पुलिस ने जब इस मामले में मुकदमा लिखकर पड़ताल शुरू की तो उसके हाथ कई अहम सुराग हाथ लगे. पुलिस को पता चला कि सुरेश रावत इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है. जो कम पढ़े लिखे लोगों को टारगेट करके लोन करता था और फिर लोन की सारी रकम हजम कर जाता था. इस खेल में तत्कालीन बैंक मैनेजर अमन वर्मा और बैंक कर्मचारी शैलेंद्र भी शामिल थे.

बाराबंकी के अपर पुलिस अधीक्षक डा. अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि जैदपुर थाने में कुछ लोगों ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके नाम से बैंक में लोन शो हो रहा है. पुलिस ऐसे चार मुकदमे दर्ज करके विवेचना शुरू करती है. पुलिस की जांच में सामने आया कि जैदपुर के बरौली मालिक में बैंक ऑफ इंडिया की एक शाखा है. जहां पूर्व में बैंक मैनेजर के रूप में कार्यरत रहे अमन वर्मा ने करीब 60 लोगों का मुद्रा लोन किया गया है. जिसमें कुछ रेगुलर लोन हैं, जबकि कुछ टर्म लोन हैं. इसमें लखनऊ के गोसाईंगंज का रहने वाला सुरेश रावत नाम का शख्स भी शामिल है. जो यहां बैंक के एक अन्य कर्मचारी शैलेंद्र के साथ मिलता है 

जिन किसानों को लोन की जरूरत होती थी, उन्हें यह लोग बरगला के बैंक लाते थे. यह लोग कम पढ़े लिखे लोगों को टारगेट करते थे. फिर बिना सारे तथ्यों को बताए हुए उनसे विड्राल फार्म समेत एक साथ सारे फार्म भरवाए जाते थे. उसके बाद किसान के लोन के पैसों को यह लोग मिलकर निकाल लेते थे. इस काम में एक-दो लोगों के नाम और भी सामने आए हैं. जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है. 

अभी तक की छानबीन के बाद तत्कालीन बैंक मैनेजर अमन वर्मा, सुरेश रावत और बैंक कर्मचारी शैलेंद्र की इस मामले में पूरी संलिप्तता पाई गई है. अभी तक की छानबीन में करीब ढाई करोड़ रुपए का फ्रॉड सामने आ चुका है. पुलिस इस मामले के छानबीन अभी जारी रखेगी और जानने की कोशिश की जा रही है कि इन लोगों के कनेक्शन कहां-कहां हैं और इन लोगों ने बैंक की और किस-किस ब्रांच में इस तरह का फ्रॉड किया है. आगे और जितने भी इस तरह के बैंक की धोखाधड़ी के मामले सामने आएंगे, उनका संज्ञान लेते हुए पुलिस कार्रवाई करेगी.

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