Inside Story: अखाड़ों में पहले स्नान को लेकर भड़का विवाद जो जमीन आवंटन में फूटा, महाकुंभ में संतों में संग्राम की कहानी
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Inside Story: अखाड़ों में पहले स्नान को लेकर भड़का विवाद जो जमीन आवंटन में फूटा, महाकुंभ में संतों में संग्राम की कहानी

Prayagraj Mahakumbh 2025:  प्रयागराज महाकुंभ की तैयारियों के बीच आखाड़ों में दो फाड़ होता दिख रहा है. गुरुवार को मेला मेला प्राधिकरण कार्यालय में अधिकारियों के सामने संतों के दो गुटों ने एक दूसरे पर खूब लात-घूंसे चलाए थे. इसका वीडियो भी वायरल हो गया था. 

 

फाइल फोटो

Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ से पहले अखाड़ों के दो धड़ों के बीच तकरार अब जंग का रूप ले रही है. गुरुवार को अखाड़ों के दो गुटों के संतों के बीच मेला प्राधिकरण कार्यालय में जमकर मारपीट हुई. एक पक्ष निरंजनी और जूना अखाड़े का है तो दूसरा धड़ा निर्मोही और महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़ा है. भूमि निरीक्षण के लिए गुरुवार को मेला क्षेत्र में संतों को जाना था, लेकिन उसके पहले ही आपस में घमासान छिड़ गया. एक-दूसरे पर जमकर मुक्के बरसाए गए. अधिकारियों के बीच-बचाव के बाद मामला तो जरूर शांत करा लिया गया, लेकिन अंदर खाने तनाव के हालात अभी भी बने हुए हैं.  

महाकुंभ से पहले संतों के बीच मारपीट की थी ये वजह 
अखाड़े के दो गुटों के बीच भिड़ंत की वजह प्रयाग महाकुंभ में स्नान के क्रम को बदलने की मांग से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल, 6 अक्टूबर को सीएम योगी के साथ सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की बैठक थी. बैठक के दौरान निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी महाराज ने जूना अखाड़े के संतों को महाकुंभ में पहले स्नान कराने का प्रस्ताव रखा, इस प्रस्ताव के बाद मुख्यमंत्री योगी के सामने ही निरंजनी व जूना अखाड़ा के संतों से महानिर्वाणी और निर्मोही अखाड़े के संतों में तीखी नोकझोंक हुई थी. हालांकि, तब मामले को अधिकारियों ने समय रहते संभाल लिया था, लेकिन कई दिनों से चल रही अखाड़ों के दो धड़ों के बीच की अंतर्कलह गुरुवार को खुलकर सामने आ गई. 

अखाड़ा ही बदल सकता है परंपरा 
महानिर्वाणी अखाड़े के संतों का कहना है कि परम्परा के अनुसार प्रयाग महाकुंभ में सैकड़ों वर्षों से महानिर्वाणी अखाड़ा ही पहले स्नान करता रहा है, लेकिन एक प्लानिंग के तहत जूना अखाड़ा प्रयाग महाकुंभ में परम्परा को दरकिनार करके पहले स्नान करना चाहता है. महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत यमुना पुरी ने कहा कि परम्परा को बदलने नहीं दिया जाएगा. परम्परा के अनुसार महानिर्वाणी अखाड़ा ही प्रयाग महाकुंभ में पहले स्नान करेगा. वहीं, अखाड़े के एक गुट के अध्यक्ष रवींद्र पुरी (निरंजनी अखाड़ा) का कहना है कि परम्परा अखाड़े द्वारा ही बनाए जाते हैं, समय पर उसमें बदलाव भी किया जाता रहा है. 

...इसलिए पहले स्‍नान की कर रहे मांग 
उन्‍होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में जूना अखाड़े को पहले स्नान कराने की बात इसलिए रखी गई है क्योंकि उनके साथ संतों की संख्या ज्यादा है, जिसके चलते स्नान के दौरान भगदड़ जैसे हालात बन जाते हैं. इसलिए अगर जूना अखाड़ा पहले स्नान करके निकल जाएगा तो अन्य अखाड़ों को स्नान में दिक्कत नहीं आएगी. हालांकि निरंजनी अखाड़े महंत रवींद्र पुरी के इस प्रस्ताव के विरोध में महानिर्वाणी अखाड़ा खुलकर खड़ा हो गया है. 

विवाद की ऐसे हुई थी शुरुआत 
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद ही अखाड़ा परिषद में दो फाड़ हुई. निरंजनी अखाड़े के सचिव रहे नरेंद्र गिरी की मौत सितंबर 2021 में हो गई. इसके कुछ दिनों बाद निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी को नया अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया. हालांकि रवींद्र पुरी (निरंजनी अखाड़ा) के अध्यक्ष चुने जाने के बाद ही विवाद शुरू हो गया. अक्टूबर 2021 में ही हरिद्वार में महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी को नया अध्यक्ष चुन लिया गया, जिसमें निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास को महामंत्री चुना गया था. यहीं से अखाड़ों के दो धड़ों में बंटने की शुरुआत हो गई, जो अब प्रयाग महाकुंभ से पहले दंगल में तब्दील होती दिखाई दे रही है.

किसके पक्ष में कौन सा अखाड़ा? 
महानिर्वाणी अखाड़ा गुट के अध्यक्ष रवींद्र पुरी के साथ निर्मल अखाड़ा, नया उदासीन अखाड़े के अलावा दिगंबर अनी अखाड़ा, निर्मोही और निर्वाणी अनी अखाड़े का समर्थन है. वहीं, निरंजनी गुट के अध्यक्ष रवींद्र पुरी को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा, अटल अखाड़ा, आह्वाहन अखाड़ा, बड़ा उदासीन और आनंद अखाड़े का समर्थन है. निरंजनी गुट के अध्यक्ष रवींद्र पुरी के साथ जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरी गिरी महामंत्री हैं. वहीं महानिर्वाणी अखाड़ा गुट अध्यक्ष रवींद्र पुरी के साथ निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास महामंत्री हैं. 

आज 6 अखाड़ों के संत करेंगे भूमि का निरीक्षण 
महाकुंभ क्षेत्र में आज 6 अखाड़ों के संत भूमि का निरीक्षण करेंगे. मेला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में 6 अखाड़ों के संत भूमि का निरीक्षण करेंगे. महानिर्वाणी अखाड़ा, निर्मल अखाड़ा, नया उदासीन के अलावा दिगंबर अनी अखाड़ा, निर्मोही और निर्वाणी अनी अखाड़ा के संत भूमि का निरीक्षण करेंगे. गुरुवार को निरंजनी, जूना, अग्नि, अटल, आह्वाहन, बड़ा उदासीन और आनंद अखाड़े के पदाधिकारियों ने भूमि निरीक्षण किया है. शुक्रवार को निरीक्षण के दौरान सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल की भी तैनाती रहेगी. सुबह 10 बजे से मेला प्रशासन के अधिकारी भूमि निरीक्षण कराएंगे. 

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