वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने बजट पेश करते हुए कहा कि उत्तराखंड अग्रणी राज्य बनने की दिशा पर अग्रसर है. उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की गई है.
इससे एक तरफ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. दूसरी तरफ रोजगार के अवसर भी खुलेंगे. चारधाम यात्रा मार्ग को सुधार के लिए 10 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान है.
साथ ही उत्तराखंड में 220 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया जाना है. साथ ही 1 हजार किलोमीटर सड़कों का पुनर्निर्माण किया जाना है.
पर्यटन के क्षेत्र में टिहरी झील के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान है. मानसखंड योजना के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
एमएएसएमई उद्योगों को 50 करोड़ रुपये का प्रावधान है. मेगा इंडस्ट्री नीति के लिए 35 करोड़ रुपये और स्टार्टअप प्रोत्साहन के लिए सरकार 30 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
उत्तराखंड में जल जीवन मिशन के लिए 1843 करोड़ रुपये और जमरानी बांध के लिए 625 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.
धामी सरकार ने अर्धकुम्भ की तैयारियों के लिए दस करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. ऋषिकेश में हिमालयन संग्राहय का निर्माण किया जाएगा. इतना ही नहीं प्रदेश में 3940 नये आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जाएंगे.
यूसीसी के लिए भी 30 करोड़ का प्रावधान किया गया. धामी सरकार ने पर्वतीय जिलों में 20 नए इंटर कॉलेज और 5 नए पॉलीटेक्निक संस्थानों खोले जाएंगे. प्राथमिक स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम की व्यवस्था का भी प्रावधान है.
धामी सरकार का फोकस हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर पर भी जोर दिया है. इस कॉरिडोर के तहत हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा के मुख्य घाटों के आसपास आधे से एक किलोमीटर तक काशी केदार की तर्ज पर कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा.
इस कॉरिडोर के बाद दोनों ही शहरों में ओपन स्पेस विकसित किया जाएगा. धामी सरकार अर्धकुंभ को देखते हुए इस कॉरिडोर को विकसित कर रही है. बता दें कि हरिद्वार में 2027 में अर्धकुंभ का आयोजन किया जाना है.