COVID-19 Impact Study: पहाड़ों पर रहने वालों में कोरोना संक्रमण का जोखिम काफी कम, जानें चौंकाने वाली वजह
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COVID-19 Impact Study: पहाड़ों पर रहने वालों में कोरोना संक्रमण का जोखिम काफी कम, जानें चौंकाने वाली वजह

Covid- 19: कोविड- 19 की एक स्टडी में सामने आया है कि पहाड़ों पर रहने वाले लोगों में कोरोना संक्रमण का सबसे कम खतरा है. इन इलाकों में रहने वाले लोगों में रिकवरी भी सबसे फास्ट होती है. जानें किन वजहों से पहाड़ी पर रहने वाले लोगों को कम है कोरोना का खतरा?...

 

COVID-19 Impact Study

Dehradun: भारत में कोरोना एक बार फिर से डराने लगा है. इसका नया वैरिएंट JN.1 काफी तेजी से फैल रहा है. 28 दिसंबर 2023 को देश की राजधानी में कोरोना के 9 मामले सामने आए हैं. कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामले 4,170 से अधिक हो गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में हर दिन संक्रमण के औसतन 3-4 मामले सामने आ रहे हैं. देश में अब नए सब-वैरिएंट जेएन.1 के 69 से अधिक संक्रमित मरीज हो चुके हैं. जिनमें कर्नाटक से 34, गोवा से 14, महाराष्ट्र से 9, केरल से 6, तमिलनाडु से 4 और तेलंगाना से 2 मामले सामने आए हैं. इस बीच इंटरनेशनल जर्नल में छपी एक स्टडी का कहना है कि अगर कोरोना वायरस से बचना है, तो सुबह की धूप जरूर लें. यह स्टडी उत्तराखंड में हुई है और इसे मेडिकल जर्नल बेंथम साइंस ने पब्लिश किया है. इस स्टडी का कहना है कि कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर के दौरान उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में इस जानलेवा वायरस का असर काफी कम रहा है.

पहाड़ी जिलों में कोविड-19 की रिकवरी दर सबसे ज्यादा
इस स्टडी में बताया गया है कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में न सिर्फ कोरोना वायरस का असर कम रहा बल्कि यहां इस जानलेवा बीमारी से रिकवरी दर भी सबसे अधिक रही. इस शोध से जुड़े प्रोफेसर प्रशांत गहतोड़ी का कहना है कि इस स्टडी का उपयोग भविष्य में इस खतरनाक वायरस से बचाव के लिए किया जा सकता है. ZEE UP/ UK से बातचीत करते हुए प्रशांत गहतोड़ी ने कहा कि भविष्य में अगर हमें कोरोना वायरस से बचना है तो सुबह की धूप जरूर लें.

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रुद्रप्रयाग, पौड़ी और पिथौरागढ़ में टॉप रही रिकवरी दर
उत्तराखंड में कोविड-19 के इंफेक्ट पर हुए इस स्टडी का कहना है कि इस खतरनाक वायरस से रिकवरी के मामले में सबसे अव्वल रुद्रप्रयाग, दूसरे नंबर पर पौड़ी और तीसरे नंबर पर पिथौरागढ़ रहा. उन्होंने बताया कि जब कोरोना वायरस ने देश में तबाही मचाई हुई थी उस वक्त उत्तराखंड के लोग इस वायरस से बचाव के लिए बड़े शहरों जैसे कि देहरादून और हल्द्वानी की ओर जा रहे थे, लेकिन कोविड के दो साल  के डेटा के एनालिसिस में यह देखा गया कि पर्वतीय इलाकों में इसका असर कम हुआ और सबसे ज्यादा रिकवरी दर रुदप्रयाग में रही. उनका कहना है कि इस स्टडी में भविष्य में कोविड से बचाव में मदद मिल सकती है. इस वायरस से बचाव के लिए सुबह की धूप और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है. पहाडों में कोविड इंपेक्ट कम हुआ, उसका कारण सुबह की धूप और फिजिकल एक्सरसाइज थी. इम्युनिटी बूस्ट के लिए धूप और एक्सरसाइज जरूरी है जिसे हम शहरों में नजरअंदाज कर देते हैं. सुबह की धूप से हमें विटामिन डी मिलता है, जिससे हमार इम्युनिटी बूस्ट होती है. उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में कोविड से बचने के लिए लोगों ने सुबह की धूप ज्यादा ली जिससे वहां इस वायरस का प्रभाव कम हुआ.

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