दहशत का दूसरा नाम रहा है सुंदर भाटी, रिहाई से मची हलचल, जानें क्राइम हिस्ट्री
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2489809

दहशत का दूसरा नाम रहा है सुंदर भाटी, रिहाई से मची हलचल, जानें क्राइम हिस्ट्री

Sunder Bhati: समाजवादी पार्टी के नेता हरेंद्र नागर और उनके गनर भूदेव शर्मा की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है. सुंदर के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली, डकैती और हमले के 60 से अधिक मामले दर्ज हैं.

sunder bhati

Who is Sunder Bhati: सुंदर भाटी अदालत से जमानत पाकर जेल से रिहा हो गया है. वह बीते काफी वक्त से सोनभद्र की जिला जेल में बंद था. इस वक्त वह दिल्ली में है. अब आप सोच रहे होंगे कि ये सुंदर भाटी कौन है और हम आपको इसके बारे में क्यों बता रहे हैं. सुंदर भाटी, आज भी ये नाम पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दहशत का दूसरा नाम है. भाटी पश्चिमी यूपी के ग्रेटर नोएडा का रहने वाला है. उसका संबंध यहां के घंघौला गांव से है. भाटी की दहशत का अपना एक पुराना इतिहास रहा है.

62 आपराधिक मामले दर्ज

जुर्म और भाटी का साथ आज का नहीं दशकों पुराना है. कुछ समय पहले सुंदर भाटी का नाम माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में उछला था. सूत्रों की मानें तो यह हत्या भाटी के इशारे पर हुई थी. एक आंकड़े के मुताबिक भाटी पर 62 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. उसे हरेंद्र प्रधान हत्याकांड में उम्र कैद की सजा हो चुकी है. इस मामले में उसने प्रधान से रंगदारी मांगी थी. ऐसा न होने पर उसने हरेंद्र प्रधान को मौत के घाट उतार दिया था.

नरेश और सुंदर भाटी की अदावत

सुंदर भाटी के राजनेताओं से गहरे रिश्ते रहे हैं. ऐसा कहा जाता है कि वह राजनेताओं के कहने पर हत्याओं को अंजाम देता था. उसने अपने एक पुराने साथी और जिगरी नरेश भाटी की हत्या भी करा दी थी. पहले तो उसके और नरेश की दोस्ती के किस्से सुनाए जाते थे लेकिन फिर यह दुश्मनी में बदल गई और सुंदर ने नरेश की हत्या कर दी. नरेश और सुंदर भाटी की दोस्ती सतबीर गुर्जर की गैंग में रहकर हुई थी. सुंदर भाटी और नरेश भाटी की अदावत की बात की जाए तो सुंदर ट्रक यूनियन पर कब्जा करना चाहता था लेकिन ऐसी ही नरेश भाटी भी करना चाहता था. वहीं नरेश भाटी जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहता था और सुंदर खुद चुनाव लड़ना चाहता था. इस सबके चलते दोनों के बीच गैंगवार शुरू हो गई. दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ विधानसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन दोनों हार गए. इस बीच अदावत चलती रही. मार्च 2004 में सुंदर ने नरेश की गाड़ी को घेरकर गोलियों से भून दिया. मौके पर ही नरेश भाटी की मौत हो गई.

सियासी गलियारे में रसूख

बीतते वक्त के साथ सुंदर भाटी ने एक गिरोह बनाया जिसका काम रंगदारी वसूलना, सुपारी लेकर मर्डर करना, स्क्रैप के ठेके हथियाना, सरिया चोरी करवाना था. यहां तक कि इस गैंग ने पूर्वांचल में भी कई हत्याओं को अंजाम दिया. साल 2014 में सुंदर भाटी पुलिस की गिरफ्त में आ गया था. आपको बता दें कि सुंदर भाटी को हमेशा राजनीति का वरद हस्त प्राप्त रहा. यहां तक कि साल 2011 में उसका केंद्रीय मंत्री से बातचीत का टेप सामने आया था. ये उसका सियासी रसूख ही है कि उसकी पत्नी दो बार ब्लॉक प्रमुख रही है .

Trending news