Acharya Satyendra Das passes away: राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. बुधवार सुबह 8 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर दुख जताया है.
Trending Photos
Acharya Satyendra Das passes away: अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. आज सुबह 8 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. आचार्य सत्येंद्र के शिष्य प्रदीप दास ने उनके निधन की पुष्टि की है. उनका पार्थिव शरीर पीजीआई से अयोध्या लाया जा रहा है. कल अयोध्या के सरयू नदी में उनका अंतिम संस्कार होगा. आचार्य सत्येंद्र दास को ब्रेन हेमरेज हुआ था, जिसके बाद उनको लखनऊ के पीजीआई में भर्ती कराया गया था.
लंबे समय से चल रहे थे बीमार
आचार्य सत्येंद्र दास लंबे समय से बीमार चल रहे थे. तबीयत बिगड़ने के बाद कुछ दिन पहले उनको अयोध्या के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां से हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने एसजीपीजीआई के लिए रेफर किया गया.वह डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से भी पीड़ित थे. न्यूरोलॉजी आईसीयू में डॉक्टरों की गहन निगरानी में इलाज चल रहा था. सीएम योगी आदित्यानाथ ने भी एसजीपीजीआई पहुंचकर उनका हालचाल जाना था.
सीएम योगी ने जताया दुख
आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है. उन्होने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं सामाजिक व आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें."
कौन थे आचार्य सत्येंद्र दास?
आचार्य सत्येंद्र दास का जन्म संतकबीर नगर के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. 50 के दशक के शुरू में वह अयोध्या आए और अभिरामदास के शिष्य बने थे. अभिराम दास जी वही हैं, जिन्होंने 1949 में मंदिर में रामलला की मूर्तियां स्थापित की थीं. आचार्य सत्येंद्र दास जी ,राम विलास वेदांती और हनुमान गढ़ी के संत धर्मदास तीनों गुरुभाई हैं. सत्येंद्र दास जी ने 1992 में बाबरी विध्वंस के समय रामलला की मूर्तियां गोद में लेकर हटाए थे. वे लंबे समय से श्रीरामजंभूमि के मुख्य पुजारी थे.
यह भी पढ़ें - कौन थे आचार्य सत्येंद्र दास, शिक्षक की नौकरी छोड़ बने पुजारी, टेंट से लेकर भव्य मंदिर तक 37 साल से रामलला की सेवा