Aligarh News : सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों के सर्वे करने के निर्देश साल 2022 में दिए थे. शासन से निर्देश मिलते ही अधिकारी मदरसों में जा-जाकर सर्वे करने लगे.
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अभिषेक माथुर/अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश में संचालित मदरसे एक बार फिर सीएम योगी की रडार पर आ गए हैं. सीएम योगी के अफसरों ने उन मदरसों की सूची बनानी शुरू कर दी है, जो गैर पंजीकृत हैं. अलीगढ़ जिले में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की रिपोर्ट में 94 मदरसे अवैध रूप से संचालित होते हुए पाए गए हैं. इन मदरसों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पास के माध्यमिक विद्यालयों में शिफ्ट कराया जा रहा है. बच्चों के शिफ्ट होते ही जल्द ही इन अवैध मदरसों पर ताला लगा दिया जाएगा.
सीएम के निर्देश पर कराया गया था सर्वे
दरअसल, सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों के सर्वे करने के निर्देश साल 2022 में दिए थे. शासन से निर्देश मिलते ही अधिकारी मदरसों में जा-जाकर सर्वे करने लगे. मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में जा-जाकर अधिकारियों ने सर्वे किया और यह पता लगाने की कोशिश की कि इन मदरसों का वित्त पोषण कहां से हो रहा है. किस मदरसे में कितने बच्चे तालीम हासिल कर रहे हैं.
अलीगढ़ में 94 मदरसों पर लगेगा ताला
अलीगढ़ में सर्वे के बाद आई रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया है कि कुल 214 मदरसों का यहां सर्वे किया गया था. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी निधि गोस्वामी ने बताया कि सर्वे में सामने आया है कि जिले में कुल 94 मदरसे गैर पंजीकृत पाए गए हैं. इन्हें किसी भी बोर्ड से या अन्य किसी भी तरह की मान्यता नहीं मिली हुई थी. उन्होंने बताया कि इन अवैध मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को पास के ही बेसिक शिक्षा के स्कूलों में भर्ती कराया जाएगा. साथ ही साथ शासन के निर्देश पर इन मदरसों को बंद करा दिया जाएगा. निधि गोस्वामी ने बताया कि वर्तमान में अलीगढ़ जिले में 120 मदरसे पंजीकृत हैं, जिनमें चार मदरसे अनुदानित भी हैं.
विपक्ष ने सरकार को घेरा
मदरसों की सर्वे रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन का एक्शन अभी शुरू भी नहीं हुआ कि विपक्ष के नेताओं ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया. अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी से पूर्व महानगर अध्यक्ष रहे अज्जू इशहाक ने सीएम योगी के खिलाफ तीखी बयानबाजी की है. उन्होंने कहा है कि सीएम योगी खुद तो पढ़े-लिखे नहीं है, ऐसे में वह मदरसों पर ताला नहीं लगाएंगे, तो और क्या करेंगे. उत्तर प्रदेश में शिक्षा की हालत और शिक्षा का स्तर क्या हो चुका है, यह सभी को दिखाई दे रहा है.
बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई
सपा नेता ने कहा कि लोकसभा चुनावों में मिली हार का ही परिणाम है कि इस तरह की कार्रवाई बदले की भावना से की जा रही है. वहीं, अलीगढ़ में मदरसा संचालक मुफ्ती अकबर कासिमी ने कहा कि कोई भी मदरसा गैर पंजीकृत नहीं होता है. मदरसा किसी न किसी सोसाइटी या संस्था से जुड़ा होता है और इसी से चलता है. मौलाना साहब ने कहा कि आर्टिकल 30 में हर शख्स को मजहबी ऐतबार से अपनी तालीम दिये जाने का अधिकार है और इसकी इजाजत संविधान ने उन्हें दी है. किसी भी तरह से हम यह बर्दाश्त नहीं कर सकते कि हमें मजहबी तालीम देने से रोका जाए. मदरसे में आठवीं तक की तालीम दी जाती है और यह तालीम दीनी तालीम के अलावा हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू और गणित की होती है.
2016 से मदरसों की मान्यता नहीं मिल रही
मौलाना ने कहा कि मुल्क की आजादी में भी मदरसे के लोगों ने ही अपनी कुर्बानी देकर आजाद कराया और देश पर जब भी कोई बात आती है, तो अपने देश की आन-बान-शान को बनाए रखने के लिए मैदान में अमल में आते हैं. बता दें कि मौलाना मुफ्ती अकबर कासिमी भी अपना एक मदरसा चलाते हैं और गैर पंजीकृत मदरसों की सूची में उनका भी मदरसा आता है. ऐसे में उन्होंने यह भी कहा कि 2016 से किसी तरह की कोई मान्यता मदरसों को नहीं मिल रही है. जब मान्यता नहीं मिल रही है, तो वह मान्यता कहां से लेंगे. अगर प्रशासन का आदेश आता है, तो जो भी बेहतर-से बेहतर होगा, हम उसे मानेंगे. लेकिन वो आदेश जो हमारे मजहब में आकर टकराव करे और हमारी मजहबी तालीम में आकर मुदाकरत करे, तो कहीं न कहीं हमें उसे नजरअंदाज करना पड़ेगा.
क्या बोले महापौर
वहीं, शहर के भाजपा से महापौर प्रशांत सिंघल ने कहा कि सरकार में यदि अवैध तरीके से मदरसे संचालित होते हुए मिले हैं और उन पर एक्शन हो रहा है, तो यह बहुत ही बेहतर काम है. क्योंकि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं.
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