कश्मीर में तेजी के साथ बदलाव आ रहा है. ना सिर्फ पुरुषों के लिए बल्कि महिलाओं के लिए ऐसे हालात हो गए हैं कि वो अपनी मर्जी के मुताबिक कारोबार कर रही हैं और नई ऊंचाइयों को छू ही हैं. इसी फहरिस्त में एक नया नाम सानिया जहरा का भी जुड़ा है, जिन्हें मधुमक्खी क्वीन खिताब दिया गया है.
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Queen of Bees: 20 साल की सानिया जेहरा ने कश्मीर घाटी की मधुमक्खी रानी (Bee Queen) का खिताब हासिल किया है. सानिया कश्मीर की एकमात्र महिला मधुमक्खी पालक हैं और वो बेहद कम उम्र में ही अपने पिता के मधुमक्खी पालन के कारोबार का हिसा बनी. कारोबार की जिम्मेदारी अपने हाथों में लेने के बाद उन्होंने 4 साल में इसे 4 गुना बढ़ा लिया है. वे देश भर की महिलाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा बनकर उभरी हैं. सानिया ने अपने पिता से मधुमक्खी पालन की कला सीखी है, लेकिन यह उनके लिए आसान नहीं था. उन्हें दर्जनों बार मधुमक्खियों ने काटा है. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार इस पेशे को अपना लिया. हालांकि इस दौरान उन्हें ट्रोलिंग की भी सामना करना पड़ा लेकिन सानिया ने सिर्फ अपनी सुनते हुए अपना काम जारी रखा.
सानिया ज़ेहरा ने कहा,'मैं बहुत आभारी हूं, मुझे बहुत खुशी है कि मुझे कश्मीर की मधुमक्खी रानी कहा जाता है. यह मेरे लिए गर्व की बात है, सिर्फ़ मेरे लिए ही नहीं बल्कि मेरे परिवार और पड़ोसियों के लिए भी. पूरे कश्मीर ने मुझे प्यार दिया है और उन्हें मुझ पर गर्व है.' सानिया ने आगे कहा,'मुझे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, खासकर जब हम मधुमक्खियों के साथ यात्रा करते हैं और मौसम खराब होता है, लेकिन इन मुद्दों ने कभी मेरा मनोबल नहीं गिराया. मेरे पास अब मधुमक्खियों की 650 से ज़्यादा कॉलोनियां हैं और मैं इस पेशे को करके बहुत खुश हूं.'
सानिया श्रीनगर के बाहरी इलाके के एक छोटे से शहर बलहामा में रहती हैं, आज उन्हें अपने इलाके की एक गौरवशाली लड़की माना जाता है. सानिया जेहरा ने कहा,'मैं अल्लाह की बहुत आभारी हूं, जब से मैं बाजार में आई हूं, मैं न सिर्फ अपना और अपने परिवार का ख्याल रख पा रही हूं, बल्कि शहद आदि से जुड़े काम के लिए मैंने करीब 8 लोगों को काम पर रखा है. मेरे पास भविष्य के लिए बहुत सारी योजनाएं हैं और बहुत से लोग मेरे पास आते हैं कि वे भी यही काम शुरू करना चाहते हैं. मैं कुछ युवाओं को ट्रेनिंग देने के बारे में भी सोच रही हूं. करीब 20-30 लोग मुझसे मिलने आए हैं और यही व्यवसाय शुरू करने में मदद चाहते हैं.'
विदेशों में बिक रहे हैं प्रोडक्ट्स
वह न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी अपना सामान बेचती हैं. उन्होंने अब शहद और उसके अर्क से बने कई कॉस्मेटिक उत्पाद भी जोड़े हैं, जो लोकप्रिय हो रहे हैं. उनके प्रोडक्ट्स में फेस क्रीम, तेल, साबुन और कई अन्य जैविक उत्पाद शामिल हैं जो शहद और अन्य जैविक सामग्रियों से बने हैं. सानिया ने कहा,'मेरी भविष्य की योजना ब्यूटी प्रोडक्स्ट और हेयर ऑयल बनाने की है. हमें अपने प्रोडक्ट्स से बहुत अच्छे रिजल्ट मिलते हैं. मैंने इसे कश्मीर प्योर ऑर्गेनिक्स नाम दिया है. मैं थोक में बेचना नहीं चाहती क्योंकि मैंने देखा है कि कैसे लोग हमारे प्रोडक्ट्स में मिलावट करके बेचते थे. इसलिए मैं खुद ही यह काम करना चाहती हूं.'
हाल के दिनों में, कश्मीरी महिलाओं ने खेल से लेकर व्यापार और मनोरंजन क्षेत्र तक, जीवन के हर पहलू में अपनी योग्यता साबित की है. युवा पीढ़ी चुनौतियों का डटकर सामना कर रही है और सभी बाधाओं को पार कर रही है. आंकड़ों के मुताबिक जम्मू और कश्मीर में पिछले तीन वर्षों में महिलाओं की तरफ से लगभग 14,943 स्टार्टअप किए गए हैं.