शरद यादव को याद करते हुए नीतीश पर निशाना! यह क्या कह गए उपेंद्र कुशवाहा, क्या थामने वाले हैं BJP का हाथ?
Advertisement
trendingNow11527032

शरद यादव को याद करते हुए नीतीश पर निशाना! यह क्या कह गए उपेंद्र कुशवाहा, क्या थामने वाले हैं BJP का हाथ?

Sharad Yadav Death: समाजवादी दिग्गज और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का गुरुवार को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. यादव 75 वर्ष के थे. 

 शरद यादव को याद करते हुए नीतीश पर निशाना! यह क्या कह गए उपेंद्र कुशवाहा, क्या थामने वाले हैं BJP का हाथ?

Bihar Politics:  उपेंद्र कुशवाहा के बीजेपी को लेकर नरम रुख की चर्चा राजनीतिक गलियारों में काफी पहले से हो रही है. लेकिन समाजवादी दिग्गज शरद यादव के निधन पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कुछ ऐसी टिप्पणी की कि यह सवाल उठने लगे कि कहीं वो बीजेपी का दामन तो नहीं थामने वाले.

जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष कुशवाहा ने कहा कि शरद यादव आखिरी समय में मानसिक रूप से अकेले हो गए थे. उनकी खोज खबर लेने वाला कोई नहीं था. उन्होंने यहां तक कहा कि भगवान ना करे किसी को ऐसी मौत मिले.

कुशवाहा ने यहां तक कहा कि जिन लोगों ने शरद यादव को बनाया उन लोगों ने अंतिम समय में उनसे बात करने तक छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि वह अंतिम समय में काफी परेशान रहते थे कि कोई उनका हाल-चाल तो ले.

हालांकि कुशवाहा ने किसी का नाम नहीं लिया है लेकिन माना जा रहा है कि उनके निशाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं.

लंबे समय तक साथ रहे नीतीश-लालू
बिहार की राजनीति पर नजर रखने वाले यह मानते हैं कि नीतीश कुमार और शरद यादव ने राजनीतिक जीवन में एक लंबा वक्त साथ बिताया. लेकिन आगे चलकर दोनों के बीच कई वजहों से विवाद पैदा हुआ.

नीतीश कुमार द्वारा 2013 में भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ने का फैसला करने से पहले वह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक थे. अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद यादव के साथ कुमार के गठबंधन में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई. उन्होंने बिहार में 2015 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए लालू से हाथ मिलाया था.

नीतीश के इस कदम से यादव का धैर्य दे गया जवाब
नीतीश कुमार के 2017 में फिर से भाजपा के साथ हाथ मिलाने के फैसले के बाद यादव का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने विपक्षी खेमे में बने रहने का फैसला किया. उन्होंने अपने समर्थकों के साथ लोकतांत्रिक जनता दल नामक एक पार्टी का गठन भी किया लेकिन वह कोई खास असर नहीं छोड़ सकी. खराब स्वास्थ्य की वजह से शरद यादव की सक्रिय राजनीति पर लगभग विराम लग गया. उन्होंने 2022 में अपनी पार्टी का राजद में विलय कर दिया.

पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की जरूरत नहीं

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news