शिल्पा शेट्टी से लेकर करीना कपूर तक, जब राजस्थानी लहरिया की दीवानी बनी हसीनाएं.

Zee Rajasthan Web Team
Jan 21, 2025

लहरिया की डिजाइन राजस्थान की लोक कला पर आधारित है.

इस प्रिंट की शुरुआत 19 वीं शताब्दी में हुई थी.

यह खासकर मेवाड़ से जुड़े स्थानों की संस्कृति में शामिल है.

वहीं राज परिवारों में इसका खास महत्व होता है.

राजपरिवारों में इसे पहनने की प्रथा सदियों से चली आ रही है.

पुराने जमाने मे नीले रंग की लहरिया राज परिवार की निशानी मानी जाती थी.

नीले रंग की लहरिया सिर्फ राज परिवार की बहूएं और बेटियां ही पहनती थीं.

इसकी डिजाइन रेतीली लहरों पर बेस्ड हैं.

जब रेगिस्तान में तेज हवाएं चलती हैं, तो रेत पर कुछ ऐसी ही लहरों जौसी डिजाइन बन जाती है.

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