Udaipur news: उदयपुर के पेसिफिक मेडिकल कॉलेज में विज्ञान और आध्यात्म के संबंध को लेकर आज एक विशेष सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस दौरान उन्होने विज्ञान और आध्यात्म के साथ जीवन को बेहतर बनाने पर जोर दिया
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Udaipur news: उदयपुर के पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड होस्पीट और ब्रह्मकुमारिज की के साझे में विज्ञान और आध्यात्म के संबंध को लेकर आज एक विशेष सम्मेलन का आयोजन किया गया. मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित हुए सम्मेलन में ब्रह्मकुमारिज की बी के शिवानी मुख्यवक्ता के रूप में मौजुद रही. इस दौरान उन्होने विज्ञान और आध्यात्म के साथ जीवन को बेहतर बनाने पर जोर दिया.
विज्ञान और आध्यात्म के संगम से कैसे मानव जीवन को बेहतर बनाया जा सके इस उद्धेश्य को लेकर आज उदयपुर में न्यूरोथियोलॉजी पर 10वॉ सम्मेलन आयोजित किया गया.
सफल मानव मस्तिष्क के निर्माण विषय पर आयोजित हुए इस सम्मेलन में ब्रह्मकुमारीज की बी के शिवानी मुख्यवक्ता के रूप में मौजुद रही. अपने संबोधन में उन्होने कहा कि बच्चों को संस्कार माता के गर्भ से मिलना ही शुरू हो जाते हैं. जो संस्कार बच्चों को 9 महीने में मिलते हैं उससे ही उनका ब्रेन विकसित होता है. संस्कार से संसार बनता है अगर बच्चों को हम अच्छे संस्कार नहीं देंगे तो बच्चा चाहे कितनी भी ऊंचाइयों पर पहुंच जाए वह सफल व्यक्ति नहीं बन सकता. इसलिए सभी मॉवाप अपने बच्चों के संस्कारों पर घ्यान दे. उन्होने कहा कि अपने संस्कार को अच्छा बनाने के लिए हमें विज्ञान और आध्यात्म की शक्ति को अपनाते हुए हमें अपनी लाइफ स्टाइल को भी बदलना पड़ेगा.
सेमिनार के आयोजक और पेसिफिक होस्पीटल एण्ड होस्पीटल के न्यूरोंसाइन्सेस विभाग के हेड डॉ.अतुलाभ वाजपेयी ने बताया कि कोई भी व्यक्ति अपने जीवन काल में अपने मस्तिष्का का महत 10 प्रतिशत ही उपयोग कर पता है. अगर इसे बढा कर 70—75 प्रतिशत बढा दिया जाए तो कई बीमारियों का उपचार संभव हो पाएगा. उन्होने कहा कि विज्ञान और आध्यात्म के संबंध पर अभी ओर रिसर्च करने की जरूरत है. विज्ञान में समय समय पर बदलाव होते है लेकिन आध्यात्म सदैव स्थाई रहता है.
इसको लेकर पेसिफिक होस्पीटल में लगातार रिसर्च वर्क किया जा रहा है. आने वाले समय में आने वोल दिनों मे अन्य आध्यात्म संस्थाओं के साथ मिल कर किया जाएगा. आने वाले समय में पेसिफक मेडिकल कॉलज में इस पर पीएचडी की शुरूवात भी की जाएगी. जिससे न्यूरोथियोलॉजी को ओर आगे बढाया जा सके. ब्रह्मकुमारिज के सचिव डॉ मृत्युंजय ने कहा कि भारत को अगर विश्व गुरू बनाना है तो आध्यात्म और विज्ञान का एक साथ विकास होना जरूरी है. यह कार्यक्रम इस तरह के प्रयासों को आगे बढाने में काफी मददगार होगा.
न्यूरोथियोलॉजी के 10वें सम्मलेन में मनोचिकित्सक रिरि त्रिवेदी,डीआईजी भश्ट्राचार निरोधक ब्यूरो राजेन्द्र गोयल,पेसिफिक मेडिकल विष्वविधालय के चेयरपर्सन राहूल अग्रवाल,प्रीति अग्रवाल,वाइस चाॉसलर डॉ.ए.पी.गुप्ता,पीएमसीएच के प्रिसिंपल डॉ.एम.एम.मंगल, न्यूरोंसाइन्सेस विभाग के प्रोफेसर एवं हेड डॉ.अतुलाभ वाजपेयी,डॉ. मनीशा वाजपेयी एवं ब्रम्हाकुमारीज संस्था आबू पर्वत के कार्यकारी सचिव डॉ मृत्युंजय सहीत कई गणमान्य लोग मौजुद रहे . सम्मलेन में शिक्षाविदों द्वारा कई धुनिक शिक्षा एवं शिक्षा नीति पर चर्चा की गई