इस योजना में अब तक बेटी 10 साल की उम्र में खाते को ऑपरेट कर सकती थी पर नियमों में बदलाव के बाद बेटियां 18 साल से पहले अकाउंट को ऑपरेट नहीं कर सकेंगी. बेटी के 18 साल की होने तक अभिभावक या माता-पिता ही खाते को ऑपरेट करेंगे. 18 की होने पर खाता सौंप दिया जाएगा.
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Sirohi: सरकार गरीब बच्चों के भविष्य को सुधारने के लिए कई योजनाएं चल रही है. वहं, बेटियों का जिक्र आते ही हर मां-बाप चिंता में आ जाते हैं. ऐसे में बेटियों का भविष्य बेहतर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) एक शानदार ऑप्शन है.
आपको जानकर खुशी होगी कि अब इस योजना में और भी शानदार फायदे मिल रहे हैं. आप भी अगर इसमें इन्वेस्ट करना चाहते हैं या करते हैं तो सरकार की तरफ से किए गए बदलावों के बारे में जरूर जान लें.
बच्चों के भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार तमाम योजनाएं तला रही है. इनमें से एक 'सुकन्या समृद्धि योजना' है. बेटियों के लिए बनाई गई इस योजना पर सरकार सालाना 7.60 प्रतिशत ब्याज दे रही है. यह ब्याज तिमाही तय होता है. साथ ही इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. बता दें कि खाते में जमा रकम, मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी राशि Tax Free होती है. Income Tax छूट के लिए अधिकतम 1.50 लाख रुपये इन्वेस्ट कर सकते हैं.
तीन बेटियों पर भी पाएं सुविधा का लाभ
बता दें कि मोदी सरकार की तरफ से शुरू की गई सुकन्या योजना में अभी तक 2 बेटियों के खाते पर ही 80C के तहत Tax छूट का फायदा मिलता था. इसके बाद तीसरी बेटी होने की स्थिति में Tax छूट नहीं मिलती थी. खुशी की बात तो यह है कि अब नियमों में बदलाव किया गया है. एक बेटी के बाद अगर दो जुड़वां बेटियां होती हैं तो उन दोनों के लिए भी अकाउंट खोलने का प्रावधान किया गया है. साफ शब्दों में बताएं तो सुकन्या समृद्धि योजना में एक साथ तीन बेटियों के नाम पैसा जमा किया जा सकता है. साथ ही Tax छूट क्लेम कर सकते हैं.
खाते में न्यूनतम राशि जमा करना जरूरी
इस योजना में सालाना न्यूनतम 250 रुपये जमा करना जरूरी है. एक साल में अधिकतम डेढ़ लाख रुपये की राशि जमा की जा सकती है. वहीं, अक्सर लोग मिनिमम राशि जमा करना भूल जाते हैं. इसके बाद खाता डिफॉल्ट कैटेगरी में चला जाता है. साथ ही इस पर ब्याज भी रोक दिया जाता है. हालांकि पेनल्टी के साथ अकाउंट को दोबारा एक्टिवेट कराने की सुविधा है. पर अब नए नियमों में खाते को फिर से एक्टिव नहीं कराने पर मैच्योरिटी तक खाते में जमा राशि पर ब्याज मिलता रहेगा. यह सुविध पहले नहीं थी.
18 साल से पहले बेटी नहीं कर सकेगी खाता ऑपरेट
इस योजना में अब तक बेटी 10 साल की उम्र में खाते को ऑपरेट कर सकती थी पर नियमों में बदलाव के बाद बेटियां 18 साल से पहले अकाउंट को ऑपरेट नहीं कर सकेंगी. बेटी के 18 साल की होने तक अभिभावक या माता-पिता ही खाते को ऑपरेट करेंगे. 18 की होने पर खाता सौंप दिया जाएगा.
ब्याज को लेकर बड़ा बदलाव
अब तक अकाउंट में गलत ब्याज क्रेडिट होने पर वह वापस ले लिया जाता था पर बदले नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. अब ऐसा नहीं होगा. ब्याज क्रेडिट होने के बाद उसे वापस लेने का प्रावधान हटा लिया गया है. अकाउंट में ब्याज हर वित्तीय वर्ष के आखिर में क्रेडिट किया जाएगा.
इस योजना में बेटी की मौत या बेटी का पता बदलने पर खाते को बंद किया जा सकता था. वहीं, बदलाव के बाद अकाउंटहोल्डर को जानलेवा बीमारी होने की स्थिति को भी इसमें शामिल किया गया है. अब गार्जियन की मौत होने पर भी समय से पहले खाता बंद किया जा सकता है.
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