Sikar News: सीकर के कोतवाली थाना क्षेत्र के नानी बीहड़ में एक नवजात बच्चे का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई. कुत्तों ने नवजात को लगभग एक फीट गहरे गड्डे से निकालकर उसके शरीर के कई हिस्सों को नोंचकर खा लिया था. डॉक्टरों के अनुसार, यह बच्चा पूर्ण विकसित था और उसका जन्म एक से दो दिन पहले किसी अस्पताल में हुआ था.
मौके पर ग्रामीणों और बस्ती के लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. इसके बाद पुलिस ने श्री कल्याण हॉस्पिटल की मोर्चरी में नवजात के शव का पोस्टमार्टम करवाया. डॉक्टरों ने नवजात के डीएनए सैंपल भी लिए हैं और पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार करवाया है. पुलिस को आशंका है कि नवजात बच्चा अनचाहा था, इसलिए इसे गाड़ दिया गया.
एएसआई सोहनलाल ने बताया कि सोमवार सुबह करीब 7.30 बजे गवारिया बस्ती के बच्चों ने देखा कि कुत्ते नवजात शिशु के शव को नोच रहे थे. बच्चों ने कुत्तों को भगाया और अपने माता-पिता को सूचना दी. इसके बाद आसपास के ग्रामीण और वार्ड के लोग घटनास्थल पर जमा हो गए.
पुलिस के आने तक स्थानीय लोगों ने नवजात शिशु के शव को कुत्तों से सुरक्षित रखने के लिए चारों तरफ घेरा बनाकर रखा. इस मामले में एएसआई सोहनलाल ने कोतवाली में मामला दर्ज करवाया है, जिसमें आगे की जांच की जाएगी.
पुलिस का मानना है कि नवजात बच्चे के परिजनों ने जल्दबाजी में उसके शव को एक फीट गहरे गड्डे में गाड़ दिया और भाग गए. कुत्तों ने मिट्टी खोदकर शव का आधा हिस्सा बाहर निकाल लिया था. पुलिस के अनुसार, नवजात के शव को रविवार रात को ही गड्डे में गाड़ा गया होगा, क्योंकि बच्चे के शरीर पर चींटियों के काटने के निशान नहीं थे और बॉडी ज्यादा पुरानी नहीं लग रही थी. पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की और नानी बीहड़ में वाहनों के टायरों के निशान भी चैक किए.
एएसआई सोहनलाल ने बताया कि जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो गवारिया बस्ती और आसपास की कॉलोनियों के लोग पहले से ही वहां मौजूद थे. नवजात बच्चे के शव को कुत्तों ने नोच खाया था, जिसमें एक हाथ पूरी तरह से खा लिया गया था और सिर व एक पैर का कुछ हिस्सा भी नोंच लिया गया था. शव के पास एक फीट गहरा गड्ढा था, जिससे लगता है कि बच्चे को वहीं गाड़ दिया गया था. चिकित्सकों ने नवजात के शव का डीएनए सैंपल भी लिया है.
चिकित्सकों के अनुसार, नवजात बच्चा पूरी तरह से विकसित था और उसका वजन लगभग सवा दो किलोग्राम था. बच्चे की नाभि पर एबलिंग कोड लगी हुई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बच्चे का जन्म किसी अस्पताल में हुआ था. हालांकि, चिकित्सकों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही यह पता चल पाएगा कि बच्चे की मौत कितने घंटे पहले हुई थी और उसे गाड़ने से पहले क्या हुआ था.
जिले में पिछले वर्ष में नवजात शिशुओं के शव मिलने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. पिछले छह माह में शहर और आसपास के क्षेत्र में नवजात बच्चियों के शव मिलने की कई घटनाएं हुई हैं. इससे पहले तीन अक्टूबर 2024 को दादिया थाना क्षेत्र में एक नवजात का शव मिला था. हाल ही में सीकर शहर में एसके हॉस्पिटल की गली में एक पॉलीथिन में लिपटा नवजात बच्ची का शव मिला था. ये घटनाएं समाज में एक बड़े सवाल को खड़ा करती हैं.