Sawai Madhopur News: सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर में विभागीय लापरवाही के चलते लगातार एक के बाद एक घटनाएं सामने आ रही है. रणथंभौर में महज चार दिन में दूसरी बार आज एक बार फिर टाईगर अटैक का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक आज शाम रणथम्भौर नेशनल पार्क के मध्य स्थित रणथंभौर दुर्ग में अचानक उस वक्त हड़कंप मच गया.
जब बाघिन ऐरोहेड टी 84 अपने तीन शावकों के रणथम्भौर दुर्ग में पहुंच गई । इस दौरान बाघिन के एक टाईगर शावक ने रणथम्भौर दुर्ग में त्रिनेत्र गणेश दर्शनों के लिए आए एक श्रद्धालु पर हमला कर दिया. गनीमत यह रही की श्रद्धालु पर बाघिन के शावक ने सिर्फ हल्का सा झपट्टा ही मारा, जिससे श्रद्धालु की शर्ट फट गई और शावक के नाखून से हल्की सी खरोंच भर आईं . लेकिन इस दौरान बाघिन रणथंभौर दुर्ग में करीब एक से डेढ़ घंटे तक बैठी रही.
मौके पर मौजूद लोगों ने वन विभाग को घटना की सूचना दी. सूचना मिलने के करीब डेढ़ घंटे बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जैसे तैसे रणथंभौर दुर्ग में फंसे श्रद्धालुओ और पर्यटकों को बाहर निकाला. वहीं वन कर्मियों द्वारा हल्लाकर बाघिन एंव शावकों को भगाया गया. इस दौरान वन विभाग एंव स्थानीय लोगों ने दुर्ग से करीब 500-700 लोगों को बाहर निकाला.
प्रत्यक्षदर्शी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि वन विभाग को बाघिन के आने की सूचना करीब साढ़े चार बजे दे दी गई थी, लेकिन वन विभाग की टीम मौके पर करीब पौने दो घंटे बाद पहुंची. इस दौरान रणथम्भौर दुर्ग में मौजूद लोग दहशत में रहे. गौरतलब है कि विगत शनिवार को ही रणथंभौर से सटे उलियाणा गांव में खेत मे बकरियां चरा रहे एक ग्रामीण पर टाईगर ने हमला कर दिया था ,जिसमे ग्रामीण की मौत हो गई थी ,वही ग्रामीण की मौत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने पीट पीट कर टाईगर को मौत के घाट उतार दिया था.
शनिवार को हुई घटना को लेकर वन विभाग ने कोई सबक नहीं लिया और आज भी वन विभाग की लेट लतीफी देखने को मिली. इस दौरान रणथम्भौर दुर्ग में कोई बड़ी घटना हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता. घटना को लेकर रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के डीएफओ रामानंद भाकर का कहना है कि बाघिन ऐरोहेड के एक शावक ने एक श्रद्धालु पर हमला किया था. हमले में उसे हल्के नाखून की खरोंच आई है. श्रद्धालु को कोई ज्यादा चोट नहीं आई है.
वही रणथंभौर की आरोपीटी रेंज के रेंजर कैलाश शर्मा ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को रणथंभौर दुर्ग से बाहर निकाल दिया गया है. बाघिन को भी मौके से भगा दिया गया. एतिहात के तौर पर रणथंभौर दुर्ग में फोटो ट्रेप कैमरे लगाए गए है ,वही वनकर्मियों की टीम तैनात की गई है जो बाघिन एंव शावकों की मॉनिटरिंग में जुटी हुई है. हालांकि एक बार फिर वन अधिकारियों ने मीडिया के कैमरों का सामना करने से कन्नी काट ली , रणथंभौर में लगातार हो रही घटनाएं रणथंभौर के अधिकारियों की कार्यशैली बया कर रही है और वनाधिकारियों की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है.