Karni sena news: नागौर के जायल तहसील के छोटे से गांव कालवी के रहने वाले लोकेंद्र सिंह कालवी (करणी सेना संस्थापक) के लिए श्रद्धांजलि सभा व पगड़ी रस्म का किया गया आयोजन. स्वर्गीय लोकेन्द्र सिंह ने समाज में एकता के लिएसामाजिक न्याय मंच बनाया था.
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Karni sena news: करणी सेना के संस्थापक स्वर्गीय लोकेंद्र सिंह कालवी के लिए श्रद्धांजलि सभा व पगड़ी रस्म का आयोजन उनके पैतृक गांव कालवी में आयोजित की गई. इस दौरान भाजपा के सतीश पुनिया, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, बाड़मेर पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह जसोल सहित भारत से राजपूत समाज सहित सभी वर्गों के लोगों ने कालवी पहुचकर उपस्थिति दर्ज कराई. नागौर जिले के जायल तहसील के कालवी गांव में आयोजित श्रद्धांजलि सभा व पगड़ी रस्म में हजारों की तादाद लोग पहुँचे.
श्रद्धांजलि सभा में पाग दस्तूर रस्म का आयोजन उनके पैतृक गांव कालवी में आयोजित की गई. इस दौरान स्वर्गीय लोकेन्द्र सिंह कालवी के पुत्र भवानी सिंह, प्रतापसिंह द्वारा सभी रस्मे पूरी की गई. श्रदांजलि सभा व पाग दस्तूर में करणीसेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेवसिंह गोगामेड़ी, देवी सिंह भाटी ,पूर्व केंद्रीय केबिनेट मंत्री सीआर चौधरी, आदर्श जाट महासभा के राजाराम मिल आदि नेताओ द्वारा श्रद्धांजलि दी गई.
इस दौरान भाजपा के सतीश पुनिया, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, बाड़मेर पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह जसोल सहित भारत से राजपूत समाज सहित सभी वर्गों के लोगों ने कालवी पहुचकर उपस्थिति दर्ज कराई. नागौर जिले के जायल तहसील के कालवी गांव में आयोजित श्रद्धांजलि सभा व पगड़ी रस्म में हजारों की तादाद लोग पहुँचे. नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि लोकेन्द्र सिंह कालवी सर्वसमाज को साथ लेकर चलने वाले नेता थे . सर्वसमाज के लोगों को साथ लेकर चलते थे. यही कारण था कि सभी समाजों के लोग उनका बड़ा आदर करते थे. गांव के प्रत्येक व्यक्ति से उनका सीधा जुड़ाव था.
स्वर्गीय लोकेन्द्र सिंह ने समाज में एकजुटता के लिए बनाया था सामाजिक न्याय मंच
उन्होंने सामाजिक न्याय मंच का गठन किया. इस न्याय मंच के जरिए उन्होंने स्वर्ण समाज के लिए आरक्षण की आवाज उठाई थी. उनका मानना था कि केवल स्वर्ण जाति का होने से किसी गरीब और असहाय व्यक्ति को आरक्षण से वंचित नहीं किया जाना चाहिए. लोकेन्द्र सिंह कालवी नागौर जिले के जायल तहसील के छोटे से गांव कालवी के रहने वाले थे. उनका गांव इतना छोटा है कि आज तक ग्राम पंचायत भी नहीं है. इसके बावजूद भी कालवी गांव को देश प्रदेश में बड़ी पहचान है. वे अपने नाम और जाति के बजाय गांव के नाम से ही जाने जाते थे.