Nagaur News: आशियाने की आस में झोपड़ी की जिंदगी, सर्द रातों में बितानी पड़ रही हैं रातें
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Nagaur News: आशियाने की आस में झोपड़ी की जिंदगी, सर्द रातों में बितानी पड़ रही हैं रातें

मेड़ता रोड नगर पालिका क्षेत्र की वर्तमान वार्ड संख्या 22 और 24 के दो परिवार इंदिरा आवास योजना में चयनित होने का दंश झेल रहे हैं.

Nagaur News: आशियाने की आस में झोपड़ी की जिंदगी,  सर्द रातों में बितानी पड़ रही हैं रातें
Nagaur News: मेड़ता रोड नगर पालिका क्षेत्र की वर्तमान वार्ड संख्या 22 और 24 के दो परिवार इंदिरा आवास योजना में चयनित होने का दंश झेल रहे हैं. मेड़ता रोड नगर पालिका बनने से पहले ग्राम पंचायत द्वारा सरकारी आशियाने का सपना दिखाकर 15000 की पहली किस्त के साथ आरंभ किया गया घर आज दूसरी किस्त के अभाव में कई महीनो से अधूरा पड़ा है. 
 
 
वार्ड संख्या 22 की बेवा भीकली पत्नी परसाराम ने अपनी पुरानी मिट्टी से बनी झोपड़ी को तोड़कर इंदिरा आवास योजना का मकान आरंभ किया और दूसरी किस्त नहीं मिलने से पिछले 6 - 7 माह से खुले आसमान के निचे लोहे की चदरो का आशियाना बनाकर सर्द हवाओं की मार झेल रही है. इसी प्रकार वार्ड संख्या 24 के गुलाब राम के हालात तो बद से बद्तर है प्लास्टिक के तिरपाल के नीचे अपना जीवन बिताने को मजबूर पति-पत्नी इंदिरा आवास की दूसरी किस्त का इंतजार कर रहे हैं. 
 
 
मेहनत मजदूरी करके अपना आशियाना बनाने की कोशिश कर रहे इस परिवार का कहना है कि राम रूठा तो सन्तान नहीं हुई और राज रूठा तो सर से झोपड़ी नुमा छत भी चली गई आखिरकार जिम्मेदार अधिकारी कब अपने दायित्व का निर्वहन कर गरीबों के आशियाने को रोशन करेंगे यह बात भविष्य के गर्भ में है क्योंकि जिम्मेदार अधिकारियों के पास जवाब तैयार है कि इंदिरा आवास योजना का लाभ ग्राम पंचायत के तहत दिया गया था अब मेड़ता रोड नगर पालिका में क्रमौनत हो गई है. हालात यह है कि यह परिवार दफ्तर दफ्तर भटकने को मजबूर है.
 
 
 
 
 
 
 

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