Sangod: एक तरफ तो प्रकृति के प्रकोप से खराब होती खरीफ की फसल और अब भावों में हो रही लगातार गिरावट से धरतीपुत्रों पर दोहरी मार पड़ रही है. हालात यह है कि भावों में कमी से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है.
Trending Photos
Sangod: एक तरफ तो प्रकृति के प्रकोप से खराब होती खरीफ की फसल और अब भावों में हो रही लगातार गिरावट से धरतीपुत्रों पर दोहरी मार पड़ रही है. हालात यह है कि भावों में कमी से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है.
गत वर्षों से जहां सोयाबीन की फसल से फायदा नहीं हो रहा है. कभी अतिवृष्टि तो कभी बारिश की कमी हो रही है, जिससे किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. यही हाल इस वर्ष भी किसानों के सामने आ गया. बीते वर्ष अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ था. ऐसे में इस साल कई किसानों को सोयाबीन का बीज भी नहीं मिला था.
सोयाबीन बुवाई को लेकर किसानों ने महंगे दामों पर बीज की व्यवस्था की. इस वर्ष बुवाई के समय सोयाबीन का बीज किसानों को 9 से 10 हजार रूपये प्रति क्विंटल तक मिला था. वहीं अतिवृष्टि के कारण फसल काफी खराब हो गई है. खरीफ की फसलों में काफी नुकसान हुआ है, जिससे किसान मायूस है. दूसरी ओर सोयाबीन के भाव दिनों-दिन गिरते जा रहे है. इस समय भाव 4 से 5 हजार रूपये प्रति क्विंटल तक ही है, जबकि बुवाई के समय जून-जुलाई में सोयाबीन 7 हजार रूपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा थी.
समर्थन मूल्य में हो बढ़ोतरी
किसान रामभरोस मेहता, पुरूषोत्तम गुर्जर आदि ने बताया कि जब किसान के पास उपज नहीं होती है, तब भाव ज्यादा रहते है और जब फसल तैयार होती है और फसल को मंडी ले जाते है, तब भाव अपने निम्न स्तर पर हो जाते है. ऐसे में किसानों को अपनी मेहनत भी नहीं मिल पाती है. सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात तो करती है लेकिन बढ़ती महंगाई और कम होते भावों के मद्देनजर समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी नहीं की जा रही.
खबरें और भी हैं...
दुश्मन को बर्बाद कर देने वाला स्वदेशी हेलीकॉप्टर स्कवाड्रन जोधपुर में तैनात, जानें खासियत
10 लाख का कांटे वाला चूहा चोरी, पुलिस थाने पहुंचा मालिक-बोला वापस लाकर दो मेरा बच्चा
राजस्थान में सियासी संकट के बीच संयम लोढ़ा का बड़ा बयान, सरकार गिरने की ओर किया इशारा