Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर जिले के भोपालगढ़ में एक ऐसा मंदिर है, जहां माता रानी के गुस्सा होने पर पास की बावड़ी के पानी का रंग लाल हो जाता है. जानें मंदिर की अनोखी कहानी.
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Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर जिले के भोपालगढ़ में एक बागोरिया नाम का गांव बसा हुआ है, जहां पर माता रानी का एक मंदिर है. इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां का पुजारी एक मुस्लिम है जिनका नाम जमालुद्दीन है.
यहां के पुजारी का कहना है कि पिछली इनकी कई पीढ़ी यहां के पुजारी रह चुके हैं. उन्होंने बताया कि 600 साल पहले सिंध प्रांत में अकाल पड़ा, जिसके बाद उनका पूरा खानदान यहां आकर रहने लग गया था.
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पुजारी का कहना है कि वह माता की पूजा करने के साथ नमाज भी पढ़ते है. इसके साथ ही नवरात्रि में व्रत और रोजा भी रखते हैं. यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि जमालुद्दीन हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, नवरात्रि के वक्त घर पर हवन और पूजा-पाठ करवाते हैं. जानकारी के अनुसार, जमालुद्दीन का कहना है कि उन्हें माता रानी का आदेश है कि वह मंदिर में रहकर व्रत करें और मां की सेवा करें.
जानकारी के मुताबिक, 600 साल पहले जमालुद्दीन का पूरा खानदान सिंध से मालवा मध्यप्रदेश की तरफ रवाना हुआ था. वहीं, रास्ते में ऊंट का पैर टूट गया था. इसके बाद रात के आराम के लिए बागोरिया की पहाड़ियों में रुक गए थे.
वहीं, रात को सोने के बाद उनके पूर्वज भागे खान को एक सपना आया, जिसनें माता रानी ने उन्हें कहा कि पास की बावड़ी में माता रानी की एक मूर्ति निकली है. वहीं, माता रानी ने खान से कहा कि उस मूर्ति की पूजा करके उसकी भभूत ऊंट को लगा दो, वह ठीक हो जाएगा. भागे खान ने यही किया और ऊंट ठीक हो गया.
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इसके बाद से जमालुद्दीन का पूरा खानदान वही रहने लगा और माता रानी की पूजा करने लगा. लोगों का कहना है कि
यदि माता रानी नाराज होती हैं, तो मंदिर के पास की बावड़ी के पानी का रंग लाल हो जाता है. इसके बाद लोग जागरण और कीर्तन करवाकर माता रानी को मनाते हैं, जिसके बाद पानी फिर से सफेद हो जाता है.
डिस्क्लेमर- ये जानकारी बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.