पदोन्नति आदेश को लेकर प्रबोधकों ने जताई नाराजगी, मांग को लेकर करेंगे आंदोलन
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पदोन्नति आदेश को लेकर प्रबोधकों ने जताई नाराजगी, मांग को लेकर करेंगे आंदोलन

राजस्थान प्रबोधक संघ ने आदेशों में संशोधन की मांग को लेकर शीघ्र ही सरकार के समक्ष पक्ष रखने एवं आदेशों में संशोधन नहीं होने पर प्रदेश स्तरीय आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है.

प्रबोधकों में खुशी होने की जगह छाई मायूसी.

Bhopalgarh: लंबे समय से पदोन्नति की बाट जो रहे प्रबोधकों में शिक्षा निदेशालय बीकानेर की ओर से जारी आदेशों के बाद खुशी होने की जगह नाराजगी पनपने लगी है. वहीं इन पदोन्नति आदेशों में प्रबोधकों को यथास्थान रखते हुए पदोन्नति का कोई विशेष फायदा नहीं मिलने को लेकर भी प्रबोधकों में खासा रोष है. जिसको लेकर अखिल राजस्थान प्रबोधक संघ ने आदेशों में संशोधन की मांग को लेकर शीघ्र ही सरकार के समक्ष पक्ष रखने एवं आदेशों में संशोधन नहीं होने पर प्रदेश स्तरीय आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है.

प्रबोधकों में खुशी होने की जगह छाई मायूसी 
प्रबोधक संघ ब्लॉक अध्यक्ष रामप्रकाश गोदारा ने बताया कि राज्य सरकार ने अपने पिछले बजट में 5000 प्रबोधकों को वरिष्ठ प्रबोधक के पद पर पदोन्नत करने की घोषणा की थी. जिससे प्रदेश भर के ग्रामीण इलाकों में कार्यरत प्रबोधकों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक बनने की उम्मीद जगी थी. लेकिन इसको लेकर शिक्षा निदेशालय बीकानेर में करीब साल भर तक चली लंबी प्रक्रिया के बाद गुरुवार को जारी किए गए आदेशों के बाद प्रबोधकों में खुशी होने की जगह मायूसी छा गई है.

इसका कारण है कि निदेशालय ने अपने आदेशों में नवपदोन्नत वरिष्ठ प्रबोधकों को यथास्थान ही कार्यरत रहने एवं प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रबोधकों को ही संस्था प्रधान एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रबोधकों को उसी स्कूल में कक्षा 1 से 5 तक के हैड टीचर की ही जिम्मेदारी दी है. जबकि उच्च प्राथमिक स्कूल में वरिष्ठ अध्यापक नहीं होने पर संस्था प्रधान बनाने की बात कही है.

निदेशालय के इस आदेश से पदोन्नति की बाट जो रहे प्रबोधकों में मायूसी छा गई है. इसको लेकर प्रबोधकों का कहना है कि शिक्षा निदेशक द्वारा वरिष्ठ प्रबोधक पदोन्नति को लेकर जो दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, उनको देखकर संबंधित विभागीय अधिकारी को पदोन्नति नियमों की जानकारी नहीं होना प्रदर्शित करता है.

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राजस्थान पंचायतीराज प्रबोधक सेवा नियम-2008 के तहत प्रबोधकों को अध्यापक के समकक्ष माना गया है एवं वरिष्ठ प्रबोधक को वरिष्ठ अध्यापक के समकक्ष माना है. लेकिन यह दुर्भाग्य है कि शिक्षा विभाग के निदेशालय द्वारा आदेश जारी करने से पूर्व इन नियमों का अवलोकन ही नहीं किया गया है और मनमर्जी से ही पदोन्नति आदेश जारी कर दिए हैं. इन आदेशों का अखिल राजस्थान प्रबोधक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हरलालसिंह डूकिया, प्रदेश महामंत्री विकास शर्मा एवं जोधपुर जिलाध्यक्ष संग्रामराम बिश्नोई ने कड़े शब्दों में विरोध किया है. साथ ही इसको लेकर अखिल राजस्थान प्रबोधक संघ का प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही प्रमुख शासन सचिव शिक्षा एवं शिक्षा मंत्री से मिलकर उनसे नियमों का हवाला देने के साथ ही नियमावली उपलब्ध कराते हुए वरिष्ठ प्रबोधकों के संशोधित आदेश जारी कराने का प्रयत्न करेगा.

वहीं इस मुद्दे को लेकर संघ के प्रदेशाध्यक्ष हरलालसिंह डूकिया व अन्य पदाधिकारियों ने संघ के संरक्षक महेंद्रसिंह चौधरी से भी विस्तृत चर्चा की है. जिस पर चौधरी ने आश्वस्त किया है, कि नियमों से परे जाकर कोई काम नहीं होने देंगे और वरिष्ठ प्रबोधक का पद वरिष्ठ अध्यापक के समकक्ष पद है तो उसी के अनुरूप ही पदस्थापन भी करवाएंगे.

किया जाएगा प्रदेश स्तरीय आंदोलन
प्रबोधक से वरिष्ठ प्रबोधक के पद पर पदोन्नति को लेकर शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश पूरी तरह से अव्यवहारिक और प्रबोधकों के लिए अपमानजनक है. इसमें संशोधन करवाकर रहेंगे और शीघ्र ही ऐसा नहीं होने पर प्रदेश स्तरीय आंदोलन भी किया जाएगा. 

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