एम्स जोधपुर 14 अगस्त को जागरूकता मार्च का करेगा आयोजन
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एम्स जोधपुर 14 अगस्त को जागरूकता मार्च का करेगा आयोजन

भारत ने पिछले 75 वर्षों की अवधि में विभिन्न क्षेत्रों में जो कीर्तिमान स्थापित किये वो प्रशंसनीय है. भारत को भविष्य में विश्व शक्ति बनाने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहेगा.

एम्स जोधपुर 14 अगस्त को जागरूकता मार्च का करेगा आयोजन

Jodhpur: आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर पूरे देश में हर्ष और उल्लास का वातावरण है. भारत ने पिछले 75 वर्षों की अवधि में विभिन्न क्षेत्रों में जो कीर्तिमान स्थापित किये वो प्रशंसनीय तो है ही लेकिन भारत को भविष्य में विश्व शक्ति बनाने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहेगा. चिकित्सा के क्षेत्र में भी भारत में क्रन्तिकारी विकास कार्य हुआ है. आज जटिल से जटिल चिकस्ता सेवा भी भारत में उपलब्ध है. एम्स जोधपुर भी भारत की इस प्रगति का प्रमाण है. यह पश्चिमी भारत में स्थित केंद्रीय साशित एक तृतीय स्तर का अस्पताल है, जो सर्व विस्तृत चिकित्सा गरीब से गरीब जनता को प्रदान करवाता है. इन सब से परे एक विषय ऐसा भी है जहा भारत के आकड़े कुछ अच्छे नहीं दिखाई पड़ते, वह विषय है भारत में तेजी से बढ़ते एंटीबायोटिक प्रतिरोध या कहें एंटीबायोटिक्स रेसिस्टेंस का. गौरतलब है कि विकसित देशों की भातिं भारत में रोगियों को एंटीबायोटिक्स प्रदान करने को लेकर कोई ठोस नियम नहीं है. 

ऐसे में जरूरत से ज़्यादा और विवेकहीन तरह से एंटीबायोटिक्स का प्रयोग यहां होता है, कई बार तो मरीज़ अपनी मर्ज़ी से ही ये दवा खा लेते हैं. इन सब के दुष्परिणाम स्वरुप आज भारत में एक भयावह स्थिति पैदा हो गयी है तथा ऐसे रोगाणु (बैक्टीरिया ) तेजी से उत्पन्न हो रहे ही जिनपर किसी भी एंटीबायोटिक्स का कोई असर नहीं होता, ऐसे रोगाणुओं से संक्रमित व्यक्ति का इलाज कोरोना की तरह दुष्कर होता है. स्थिति यह है की इस तरह के रोगाणुओं का नाम भी विश्व भर में भारत के शहरों के नाम पर रखा जाता है. इस परिस्थिति से आम जनमानस को परिचित करने के लिए एम्स जोधपुर 14 अगस्त को जागरूकता मार्च , "वाक-आ-थांन" का आयोजन करने जा रहा है, यह पैदल यात्रा सुबह 6 बजे एम्स जोधपुर से प्रस्थान कर अशोक उद्यान तक जाएगी. एम्स जोधपुर ने ज़्यादा से ज़्यादा लोगों से इस अभियान के साथ जुड़ने की अपील की है, ताकि इस स्थिति को भविष्य में महामारी बनने से रोक जा सके , इसी क्रम में एम्स जोधपुर 27 व 28 अगस्त को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मेलन भी करने जा रहा है, जो कि एंटीबायोटिक्स रेसिस्टेंस के विषय पर युवा डॉक्टर्स को प्रशिक्षित करने का एक प्रयास है.

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