Rajasthan News: राजस्थान के उस किले के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे सोने का किला कहा जाता है. यह किला प्रदेश के जैसलमेर जिले में है, जिसको जैसलमेर किला या फिर सोनार किला कहा जाता है.
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Rajasthan News: आज हम आपको राजस्थान के उस किले के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे सोने का किला कहा जाता है. यह किला प्रदेश के जैसलमेर जिले में है, जिसको जैसलमेर किला या फिर सोनार किला कहा जाता है.
राजस्थान ऐतिहासिक धरोहरों से घिरा हुआ है. यहां कई सारे किले और महल हैं, जिनमें कई सारे रहस्य छिपे हुए हैं. ऐसा ही एक किला सोनार किला है. सोनार कले को पीले बलुआ पत्थर का उपयोग करके बनाया गया, जिससे इसे एक सुनहरा रंग मिला, जो सूरज निकलने पर बदल जाता है, जिसके चलते इसे सोनार किला कहा जाता है.
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इसके अलावा इसे स्वर्ण किले के नाम से भी जाना जाता है. सोनार किले की दीवारें 30 मीटर ऊंची हैं, जो बुर्जों से मजबूत हैं. यह दीवारें लगभग 1500 फीट x 750 फीट इलाके को घेरती हैं. सोनार किला ऊंची पहाड़ी पर है, जो देखने में काफी विशाल है. इसे बने हुए 869 साल हो गए हैं, जिसकी स्थापना महारावल जैसल देव ने साल 1156 में कई गई थी. इसे किले को जैसलमेर का सिरमौर और जैसलमेर की शान भी कहा जाता है.
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सोनार किले को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल हो गया है. सोनार किले को लिविंग फोर्ट भी कहा जाता है, जिसमें 400 घर हैं और इसमें 1200 लोगों की आबादी रहती है. इस में 99 बुर्ज बने हुए हैं, जिनको पत्थरों को जोड़कर बनाया गया है. सोनार दुर्ग 1500 फीट लंबा, 730 चौड़ा और 250 फीट ऊंचे त्रिकुट पर्वत पर बना हुआ है. इस किले का तहखाना 15 फीट लंबा है. फिलहाल में इस किले की दीवार बारिश के कारण गिर गई थी, जिससे पूरे शहर में दहशत फैल गई थी.