कोटपूतली का ये इलाका बना पैंथर का फेवरेट स्पॉट, आए दिन तेंदुआ कर रहा चहल कदमी
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1435843

कोटपूतली का ये इलाका बना पैंथर का फेवरेट स्पॉट, आए दिन तेंदुआ कर रहा चहल कदमी

राजस्थान के जयपुर(Jaipur) के कोटपूतली (Kotputli News) में कुछ इलाकों में पैंथर मूवमेंट से लोगों में दहशत है.

कोटपूतली का ये इलाका बना पैंथर का फेवरेट स्पॉट, आए दिन तेंदुआ कर रहा चहल कदमी

Kotputli News, Jaipur : राजस्थान के जयपुर के कोटपूतली के कांसली, कुजेता, शुक्लावास गांवों में हाल ही में पैंथर (तेंदुए) की चहल कदमी की खबरें सामने आयी थी. क्षेत्र में लगातार पैंथर देखे जाने की सूचना के बाद से दहशत का माहौल है.  

दरअसल में लगातार घट रहे जंगलों और भोजन की कमी के चलते वन्य जीव आबादी में विचरण कर रहे है. ये पारिस्थितिकी तंत्र के बिगड़ने और वन विभाग, पुलिस प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती है. इससे वन्य जीवों के साथ-साथ आमजन के जीवन को भी खतरा है.

ऐसा ही कुछ ग्राम पंचायत भूरी भड़ाज की ढ़ाणी समदावाली और थोरावाली से गुजर रही नहर के आसपास देखा गया. जहां एक पैंथर (तेंदुए) की मूवमेंट से हडक़म्प मच गया. पूर्व पंसस और उड़ान टीम संयोजक हरिद्वारी लाल स्वामी ने बताया कि विगत रात्रि ग्रामीणों ने नहर के आसपास खेतों में एक पैंथर (तेंदुए) की चहल कदमी देखी.

 सूचना मिलते ही हरिद्वारी लाल स्वामी भी मौके पर पहुंचे. जिन्होंने ग्रामीणों से जानकारी प्राप्त कर उक्त सूचना वन विभाग के कर्मचारियों को दी. हालांकि तेंदुए मिलने की सूचना से क्षेत्र में दिन भर चर्चाओं का माहौल रहा. ग्रामीणों का ये भी कहना था कि पुरूषोत्तमपुरा से पाटन की ओर एक बड़ा भाग वन क्षेत्र का पड़ता है, जहां अक्सर इस प्रकार के वन्य जीवों की मूवमेंट बनी रहती है.

इस सम्बंध में वाईल्ड लाईफ क्राईम कन्ट्रोल ब्युरो के पूर्व स्वयंसेवक आशीष गोयल ने बताया कि वन्य क्षेत्र के घटने, भोजन और पानी की कमी के चलते जानवर निरन्तर आबादी की ओर आ रहे है. जिसके लिए पर्यावरण संरक्षण का कार्य बेहद आवश्यक है.

उल्लेखनीय है कि विगत 11 अक्टूबर को कांसली, 18 अक्टुबर को ग्राम कुजोता की ढ़ाणी गुजराला के पास पैंथर की मुवमेंट हुई थी. वहीं 27 अक्टूबर को ग्राम पंचायत शुक्लावास की ढ़ाणी डाबर वाली के पास एक वर्षीय मादा पैंथर की मृत्यु हो गई थी. जिसके चलते ग्रामीण कई दिनों तक घरों में रहने को मजबूर हो गये थे. विशेष रूप से बुजुर्गो, छोटे बच्चों और महिलाओं को इन वन्य जीवों से खतरे का सामना करना पड़ रहा है.

रिपोर्टर- अमित यादव 

टोंक में शौच करने गई विवाहिता का अपहरण, 22 दिन तक नशीले इंजेक्शन लगाकर गैंगरेप

 

Trending news