SMS अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों की स्थिति को देखते हुए अलग अलग जोन बनाए गए है. जिसमे रेड, येलो और ग्रीन जोन बनाए गए है. इमरजेंसी में मरीज के आते हुए चिकित्सक या सीनियर नर्सिंग स्टाफ स्क्रीनिंग कर मरीज को रेड, येलो और ग्रीन टैग लगाएगा. मरीजों को भी अब इमरजेंसी डायलेसिस, एंडोस्कोपी और ब्रोंकोस्कोपी की सुविधा मिलेगी.
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Jaipur: प्रदेश का सबसे बड़े SMS अस्पताल में मरीजों के लिए इलाज की सुविधाएं बढ़ाने का काम लगातार किया जा रहा है. नए विभाग इमरजेंसी मेडिसिन के साथ ही अब इमरजेंसी में भी नई सुविधाएं मरीजों को मिलेगी. अस्पताल की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को भी अब इमरजेंसी डायलेसिस, एंडोस्कोपी और ब्रोंकोस्कोपी की सुविधा मिलेगी.
मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग खोला जा रहा
यही नहीं, अब इमरजेंसी में आने वाले मरीज को वार्ड में शिफ्ट करने से पहले इमरजेंसी में ही इलाज शुरू किया जाएगा. उसके बाद वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा ताकि मरीज को तुरंत इलाज मिल सके और इलाज के अभाव मौत नहीं हो. मरीजों के लिए जल्द सुविधाएं बढ़ाने के लिए SMS मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने तैयारियां भी शुरू कर दी है. नेशनल मेडिकल कौंसिल के निर्देशों पर SMS मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग खोला जा रहा है.
SMS मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने विभाग का गठन कर काम शुरू कर दिया है. विभागाध्यक्ष डॉ पी एस लांबा ने बताया की इस विभाग को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा को मजबूत कर अस्पताल में आने वाले मरीज को तुरंत इलाज देना है. इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया गया है.
मरीजों की संख्या औसत प्रतिदिन - 1100
भर्ती मरीजों की संख्या - 280
इमरजेंसी OPD मरीजों की संख्या - 820
SMS अस्पताल की इमरजेंसी में नई सुविधाएं बढ़ाई जाएगी
SMS अस्पताल की इमरजेंसी में नई सुविधाएं बढ़ाई जाएगी. मरीजों को इलाज के लिए इंतजार नहीं करना पड़े इसके लिए 30 बैड का नया वार्ड तैयार किया जाएगा. इसके आलावा इमरजेंसी में गंभीर स्थिति में आने वाले मरीजों के लिए एंडोस्कोपी और ब्रोंकोस्कोपी और एक इमरजेंसी डायलेसिस यूनिट लगाई जाएगी. वहीं गंभीर मरीजों को आईसीयू और वेंटिलेटर सुविधा का भी विस्तार किया जाएगा.
स्क्रीनिंग कर मरीज को लगेगा रेड, येलो और ग्रीन टैग
SMS अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों की स्थिति को देखते हुए अलग अलग जोन बनाए गए है. जिसमे रेड, येलो और ग्रीन जोन बनाए गए है. इमरजेंसी में मरीज के आते हुए चिकित्सक या सीनियर नर्सिंग स्टाफ स्क्रीनिंग कर मरीज को रेड, येलो और ग्रीन टैग लगाएगा. जिसके बाद उसी जोन में मरीज की गंभीरता देखते हुए इलाज किया जाएगा. इसपर ट्रायल के तौर पर काम शुरू कर दिया है.
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इमरजेंसी सुविधा के विस्तार के साथ ही मैनपावर को भी बढ़ाया जाएगा. जिसमे इमरजेंसी मेडिसन के प्रोफेसर, एसो. प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर सहित 5 डॉक्टर्स की टीम मौजूद रहेगी. इसके अलावा एनेस्थीसिया, सर्जरी, कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, रेडियोलॉजी, मेडिकल ज्यूरिस्ट से एक एक डॉक्टर, 5 मेडिकल ऑफिसर और 1 चीफ मेडिकल ऑफिसर की ड्यूटी रहेगी.
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