Motivation: चुनौतियों के बीच पढ़िए सफलता की कहानी, 21 वर्ष की उम्र में जानें अंसार कैसे बन गए थे आईएएस
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Motivation: चुनौतियों के बीच पढ़िए सफलता की कहानी, 21 वर्ष की उम्र में जानें अंसार कैसे बन गए थे आईएएस

Motivation: आईएएस अंसार अहमद शेख ये नाम शायद हर एक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले शख्स की जुबान पर अक्सर आता होगा. क्योंकि अंसार की IAS बनने की राह इतनी आसान नहीं थी. लेकिन कहते हैं ना मजबूर इरादों और अपनों के हौसलों से सबकुछ संभव है. 

फाइल फोटो.

Motivation: यदि आपकी की इच्छा शक्ती मजबूत है तो आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं है. फिर चुनौतियां, संघर्ष, आभाव, संकट ये शब्द जी तोड़ मेहनत के आगे नग्णय हो जाते हैं. वैसे भी सामान्य और निर्धन पृष्ठ भूमि से निकलने वाले हर एक छात्र को इन तमाम चुनौतियों से दो-चार होना ही पड़ता है. कुछ इसी तरह की चुनौतियों का अंबार था आईएएस अंसार अहमद शेख के सामने. अंसार के परिवार के जो हालात थे उन हालातों में IAS बनना तो दूर इसका सपना देखने का भी कुछ लोग साहस नहीं जुटा पाते हैं. 

361वीं रैंक हासिल की थी

अंसार अहमद शेख सभी पारिवारिक मुश्किलों से लड़ते हुए 21 वर्ष की आयु में पहले ही प्रयास में  UPSC Exam में 361वीं रैंक हासिल की थी. अंसार साल 2015 में UPSC Exam पास कर देश के सबसे कम उम्र में आईएएस बनने वाले पहले अधिकारी थे. fallbackअंसार के सामने हालात ये भी थे कि पुणे में एग्जाम की तैयारी के दौरान रहने और खाने के लिए अपना नाम बदलना पड़ा था.

कहा कि मैंने यूपीएससी परीक्षा पास की है, तो सभी चौंक गए
एक इंटरव्यू के दौरान अंसार ने बताया कि मेरे परिवार में शिक्षा का महत्व नहीं था. fallbackमेरे पिता, एक रिक्शा चालक हैं. मेरे छोटे भाई को स्कूल से बाहर निकाल दिया गया. मेरी दो बहनों की शादी छोटी उम्र में कर दी गई थी. जब मैंने उनसे कहा कि मैंने यूपीएससी परीक्षा पास की है तो सभी चौंक गए. 

मां खेतों में करती थीं काम
अंसार अहमद शेख का जन्म महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के जालना के शेडगांव में हुआ था. उनके पिता का नाम यूनुस शेख अहमद था. वो एक ऑटो रिक्शा चालक थे. अंसार के पिता की तीन पत्नियां हैं और अंसार दूसरी मां के बेटे हैं. अंसार के परिवार में कई भाई-बहन हैं. पिता कभी भी अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा का जुगाड़ नहीं कर पाए. वजह थी गरीबी. अंसार की मां ने खेतों में काम कर उन्हें पढ़ाया था.

यहां तक कि उनके छोटे भाई अनीस ने सातवीं कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ दी थी. अनीस परिवार की मदद करने के लिए गैरेज में काम करता था, अपने भाई को आईएएस परीक्षा के लिए तैयार करने में मदद करता था.

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