कांग्रेस सरकार ने भागते-भागते बनाए जिले, दूदू को तीन महीने में पंचायत से नगर पालिका और फिर जिला बनाया: BJP
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कांग्रेस सरकार ने भागते-भागते बनाए जिले, दूदू को तीन महीने में पंचायत से नगर पालिका और फिर जिला बनाया: BJP

Rajasthan Politics: कांग्रेस सरकार ने भागते-भागते बनाए जिले... राजस्थान में 9 नए जिले रद्द करने के मामले में बीजेपी नेता ने बड़ा बयान दिया है.

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Rajasthan Politics: प्रदेश में नए जिलों को खत्म करने को लेकर कांग्रेस और BJP एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप और वार-पलटवार कर रही है. पूर्व CM अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो इसके पलटवार में BJP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाए.

चतुर्वेदी ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने भागते-भागते 17 जिले बनाने की घोषणा कर दी, लेकिन अब भजनलाल सरकार ने 9 जिलों को खत्म किया तो जनता स्वागत कर रही है.

प्रदेश में नए जिलों को खत्म करने के मामले में कांग्रेस-भाजपा में जुबानी जंग छिड़ी हुई है. BJP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि पूर्व सरकार ने चुनाव में जाने से पहले भागते-भागते 17 जिले बनाने की घोषणा कर दी. 

उन्होंने कहा कि हालत यह थी कि सरकार ने राजनीतिक फायदा लेने के लिए कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले ही जिलों की घोषणा कर दी थी. राजनीतिक दृष्टि से वोटों की फसल काटने के लिए नए जिलों की घोषणा की गई. भजनलाल सरकार ने रिटायर्ड IAS ललित के पवार की अध्यक्षता में कमेटी बनाई. पवार कमेटी के आधार पर जिलों को समाप्त किया गया.

चतुर्वेदी ने कहा कि दूदू को 3 महीने पहले ही ग्राम पंचायत से नगर पालिका बनाया गया. इसके बाद जिला बना दिया गया. ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार का निर्णय कितना अदूरदर्शिता पूर्ण था. सरकार ने अपने लोगों को खुश करने के लिए जिले बनाए. हमारी सरकार ने हर पहलू और लोगों की मांग को समझते हुए नए जिलों को खत्म किया. अब लोगों को अपने कामकाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.

चतुर्वेदी ने कहा कि गहलोत अपने 5 साल के कार्यकाल में सत्ता के संघर्ष में लगे रहे. कोरोना काल में आम आदमी अपने जीवन के संघर्ष में लग रहा था, वहीं कांग्रेस विधायक मंत्री नेता होटल में ठहरे हुए थे. BJP ने अपने संकल्प पत्र में जो घोषणा की थी उन्हें पूरा किया जा रहा है. हालांकि उसको लेकर कांग्रेस नेता आरोप लगा रहे हैं. भाजपा सरकार को बने 1 साल हो गया, बेहतरीन काम किया जा रहा है.

लोग खुद चाह रहे थे जिलों को खत्म किया जाए 

पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा सारी परिस्थितियों को देख कर ही जिलों को खत्म करने का निर्णय लिया गया है. संबंधित नेताओं के क्षेत्रों में जाने पर विरोध के सवाल को लेकर चतुर्वेदी ने कहा कि लोग खुद चाहते थे कि जिले खत्म किए जाएं. हमारे नेता और कार्यकर्ता फील्ड में जाएंगे उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. वहीं दूसरी ओर स्थानीय जनता ने जिले खत्म होने को लेकर खुशी जाहिर की है.

चतुर्वेदी ने कहा कि वर्ष 2027 तक राजस्थान बिजली को लेकर आत्मनिर्भर बनेगा. पहले ही साल में भजनलाल सरकार ने राइजिंग राजस्थान किया और हर साल राइजिंग राजस्थान होगा. हर साल समीक्षा होगी.

जिलों को लेकर कोई बजट कांग्रेस ने नहीं दिया था. जबकि1 हार से डेढ हजार करोड़ रुपए का खर्च होता है. BJP सरकार हर क्षेत्र में विकास कार्य कर रही है. विकसित राजस्थान के लक्ष्य की ओर कदम बढ़ा दिए हैं.

पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि 17 नए जिले बनाने की घोषणा बस वोट बटोरने के लिए की गई थी. अब 9 जिलों को कम कर दिया गया है. दूदू से लोग आये थे, जिन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देने के लिए कहा.  ऐसे ही कई जिले हैं... जो जहां हैं वहां से मुख्यमंत्री को धन्यवाद दे रहें हैं.

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