उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने रामलाल शर्मा पर तंज कसते हुए कहा कि 15 हजार के जूते पहनने वाले किसानों का दर्द क्या समझेंगे. भाजपा के नेताओं को किसानों से कोई हमदर्दी नहीं है, यह केवल राजनीति करते हैं. गहलोत सरकार पहले दिन से ही किसानों के साथ है. यह सरकार किसानों के वोटों से बनी है.
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Jaipur News: प्रदेश में किसान ओलावृष्टि और बरसात के चलते परेशान हैं, लेकिन फसल खराबे के मामले को लेकर सियासत जारी है. सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से भी आरोप-प्रत्यारोप के दौर चल रहे हैं. भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर गिरदावरी ठीक ढंग से नहीं करवाने के आरोप लगाए हैं, वहीं सत्ता पक्ष की ओर से भी बीजेपी पर हमला बोला गया है. विधानसभा के बाहर बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि ओलावृष्टि से 15 जिलों में किसानों की फसल खराब हो गई है, लेकिन सरकार की मुआवजा देने की मंशा नहीं है. सरकार ने पटवारियों और गिरदावरों को फसल खराबे का कम प्रतिशत रिकॉर्ड में दर्ज करने के निर्देश दे रखे हैं. इससे किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल पाएगा. मौसम तो किसानों का बैरी बना हुआ ही है, लेकिन सरकार भी किसानों का दर्द नहीं समझ पा रही है.
उधर उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने रामलाल शर्मा पर तंज कसते हुए कहा कि 15 हजार के जूते पहनने वाले किसानों का दर्द क्या समझेंगे. भाजपा के नेताओं को किसानों से कोई हमदर्दी नहीं है, यह केवल राजनीति करते हैं. गहलोत सरकार पहले दिन से ही किसानों के साथ है. यह सरकार किसानों के वोटों से बनी है. महेंद्र चौधरी ने कहा कि जिस दिन ओलावृष्टि और बरसात हुई थी सरकार ने उसी दिन गिरदावरी कराने के आदेश दे दिए थे. इतनी जल्दी पहले कभी भी कोई आदेश नहीं हुए.
— Mahendra Choudhary (@Mahendranawa) January 30, 2023
पटवारी अपनी रिपोर्ट भी दे रहे हैं लेकिन बीजेपी इस मामले में भी राजनीति कर रही है और कह रही है कि सरकार ने पटवारियों को कहा है कि कम नुकसान दिखाएं जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. किसानों के मुद्दे पर राजनीति करने की बजाय भाजपा को फील्ड में जाकर किसानों की सुध लेनी चाहिए कि उनका कितना नुकसान हुआ है. महेंद्र चौधरी ने कहा कि जल्द से जल्द गिरदावरी की रिपोर्ट सरकार तक पहुंच जाएगी और किसानों को उनके नुकसान की भरपाई कर दी जाएगी.
वही सदन में सरकार को घेरे जाने को लेकर चल रही चर्चाओं पर उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने कहा कि लंबे समय से सुन रहा हूं कि विपक्ष सदन में सरकार को घेर रहा है लेकिन घेरना किसे कहते हैं इसकी परिभाषा आज तक नहीं समझ पाया हूं. केवल सदन में 2 मिनट के लिए हो हुल्लड़ और शोर शराबा करके अपनी सीट पर बैठ जाना घेरना नहीं कहते हैं. घेरना तो उसे कहते हैं जब सदन की कार्यवाही को चलने नहीं दिया जाए, सड़कों को जाम कर दिया जाए. रास्ते रोक दिए जाएं उसे घेरना कहते हैं जब मैं राजस्थान विश्वविद्यालय का अध्यक्ष था तब हम सड़के जाम करते थे और विधानसभा का घेराव करते थे. सीपी जोशी विधानसभा के स्पीकर है उनके सामने ज्यादा हो हुल्लड नहीं चलता है.
वहीं कांग्रेस के 91 विधायकों के इस्तीफे के मामले को लेकर हाईकोर्ट की ओर से जवाब मांगे जाने पर उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने कहा कि वह इस मामले में कुछ नहीं कहना चाहते हैं क्योंकि यह मामला हाईकोर्ट और विधानसभा के बीच है.