pratapgarh unique wedding : जब कोर्ट में 90 साल के दूल्हा और 86 की दुल्हन एक बार फिर शादी के बंधन में बंधे. उस वक्त ऐसा लगा जैसे मानो ये दोनों कितने जनम से बिछड़े हुए हो. किशुनगंज के शिवप्रसाद पाठक और उनकी पत्नी प्रभु देवी की कहानी बागबान से बढ़कर है.
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pratapgarh unique wedding : बागबान फिल्म आज भी घर-घर में खुब देखी जाती है और इसकी कहानी सभी के दिलोदिमाग में छाया हुआ है. वो फिल्म थी लेकिन ये हकीकत कहानी है यूपी के प्रतापगढ़ जिले की. इस रियल कहानी के किरदार हैं किशुनगंज के शिवप्रसाद पाठक और उनकी पत्नी प्रभु देवी.
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और ड्रिम गर्ल हेमा मालिनी की 'बागबान' एक भावुक कर देने वाली फिल्म थी. इस फिल्म में दिखाया गया था कि किस तरह से बच्चे संपत्ति का बंटवारा होने के बाद अपने मां-बाप के साथ बुरा बर्ताव करते हैं और पैसा, शोहरत और जायदाद के आगे इन्हें अपने घर से निकाल देते है.
रुपहले पर्दे पर दिखाई गई 'बागबान' की कहानी यदि रियल लाइफ में किसी के साथ घटित हो तो जरा सोचिए उस पर क्या बीतेगी. हम आपको ऐसी ही एक सच्ची घटना बताने जा रहे हैं, जिसमें कलयुगी बेटों ने संपत्ति का बंटवारा हो जाने के बाद बुजुर्ग मां-बाप को घर से निकाल दिया.
कंधई थानाक्षेत्र की है जहां किशुनगंज के शिवप्रसाद पाठक और उनकी पत्नी प्रभु देवी, दोनों बीते एक बरस से अलग-अलग रहकर घूंट-घूंट की जिंदगी काट रहे थे. 2010 में लोकनिर्माण विभाग के सुपरवाइजर पद से रिटायर्ड शिवप्रसाद पाठक को औलाद ने ही संपत्ति के बंटवारे को लेकर पत्नी से अलग करा दिया था. हद तब पार कर जब मां को साथ रख रहे छोटे बेटे ने मां की ओर से पिता के विरुद्ध धारा 25 के तहत हर्जाखर्चा देने का मुकदमा भी दर्ज कराया था.
यह बात तब सामने आई जब कोर्ट में 90 साल के दूल्हा और 86 की दुल्हन एक बार फिर शादी के बंधन में बंधे. उस वक्त ऐसा लगा जैसे मानो ये दोनों कितने जनम के बिछड़े हुए हो.
शनिवार को जब दोनों शादी के बंधने में पुनर्विवाह किया तो शिवप्रसाद पाठक के आंखें छलक गई. शिवप्रसाद पाठक ने कहा कि हम दोनों लोग बेटों की वजह से अलग हुए थे. आज हम फिर से एक हो गए हैं. अब हम दोनों को कोई जुदा नहीं करेगा. मुझे बेटों ने ही अलग किया था. हमारे दो बेटे हैं. बड़े वाले पर केस चल रहा है. उसपर कई मामले दर्ज भी है.
आज मैं बहुत खुश हूं अब मैं अपनी पत्नी के संग बची हुई जिंदगी जीएंगे. 90 साल के दूल्हा और 86 की दुल्हन को देख कोर्ट परिसर में अमिताभ बच्चन और ड्रिम गर्ल हेमा मालिनी की फिल्म 'बागबान' को याद कर रहे थे. दोनों पति- पत्नी एक बेंच पर बैठे लंबी सांस भरी और घंटो बतियाते रहे. पति-पत्नी एक दूसरे से पुरानी यादें ताजा कर जिंदगी के उन लम्हों से खुद को निकालता रहा. मानों कह रहे थे तुझसे जुदा होकर तन्हा मैं गिरता संभलता रहा. बात करते करते दोनों की आंखें भर आईं.
इसके बाद वयोवृद्ध दंपती ने सारे गिले-शिकवे दूर करते हुए सभी के सामने एक-दूसरे को माला पहनाकर फिर से साथ रहकर जीवन बिताने का वादा लिया. कहा, उनके बीच कोई नहीं आएगा.
बस संपत्ति के लालच में बीते एक वर्ष पहले बेटों ने ही दोनों को अलग-अलग करा दिया था. दोनों ने अदालत में मन की बात कही और लंबी सांस भरते हुए आधी-आधी संपत्ति दोनों बेटों के नाम कर दी. कोर्ट में मौजूद लोगों के मुंह से बस यहीं बात निकली कि ये तो 'बागबान' को भी पीछे छोड़ दिया.