Jaipur News: जी राजस्थान ने जल जीवन मिशन में 2500 करोड़ के भ्रष्टाचार को उजागर किया है, जिसके बाद से राज्य सरकार ने 7 दिन में पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. अलवर सांसद बाबा बालकनाथ में पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार का दावा किया था.
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Jaipur News: जल जीवन मिशन में हो रहे 2500 करोड़ के भ्रष्टाचार की खबर दिखाने के बाद जल विभाग में हडकंप मच गया. खबर मिलने के दो दिन बाद ही जांच रिपोर्ट मांग ली गई है. जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कार्रवाई के निर्देश दिए,जिसके बाद जल जीवन मिशन चीफ इंजीनियर आरके मीणा ने चीफ इंजीनियर प्रशासन राकेश लुहाडिया और एडिशनल चीफ इंजीनियर अलवर पीसी मिढा को पत्र लिखकर 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है.अलवर ग्रामीण में त्तकालीन एक्सईएन नरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बडा घोटाला किया.जी मीडिया की खबर के बाद में एक्सईएन गुप्ता का तुरंत तबादला कर दिया था.
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पीएचईडी से पहले जी मीडिया के पास पहुंचा खत
पीएचईडी से पहले सांसद बाबा बालकनाथ का खत जी मीडिया के पास पहुंचा तो विभाग में हडकंप मच गया. जिसमें सांसद ने जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल को खत लिखा था. खत में सांसद बाबा बालकनाथ ने सरकार पर अफसरों से मिलीभगत के आरोप लगाए थे. सांसद का कहना था कि पानी पिलाना सबसे बडा धर्म है. लेकिन सरकार लोगों को पानी से वंचित रखकर अधर्म का काम कर रही है. कांग्रेस के विधायक अफसरों से मिलकर पाप कर रहे है.
इसके साथ ही उन्होंने अलवर में घोटालों वाली जगह का खुलासा भी किया है. जिसकी सूची भी उन्होंने संलग्न की है. जो इस प्रकार है.
1. बहरोड,भजनावास,नांगल स्तोकड़ा पंचायत समिति मुण्डावर में घटिया बदालिटी के पाइप डाले गये हैं. श्रीराम लैब दिल्ली से इसको जांच करायी जाए. 2. काफी जगह टंकी की डिजाइन में मृदा परीक्षण में एजेंसी के माध्यम से गड़बड़ी कर विभाग के अभियंनताओं ने स्टील बचाया है. जिससे करोड़ों का चूना मानक डिजाइन से बचने के लियए लगाया गया है. 3.मालाखेड़ा के मुंडिया में सारा काम घटिया किया गया है. किशनगढ़बास में बसई कला,नागलिया में पाइप लाइन का कार्य बेहद घटिया तरीके से किया गया. 4. ठेकेदारो ने इस बारे में अवगत कराया है कि कुछ अभियंता कारखाना निरीक्षण में बिना जांचे पाइप फर्म से सांठगांठ कर पाइप सही बताकर साइट पर भेज देते है. ऐसे कई पाइप विभाग की जयपुर टीम की जांच में पिछले 2-3 साल में फेल हो गए. लेकिन आज तक ऐसे अभियंता जिन्होंने पाइप सही बताए उनके विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई.उलटे ठेकेदार को दोषी मानकर कार्रवाई कर दी गई. जबकि कारखाना निरीक्षण पाले अभियन्ता इसमें दोषी है. |
अब ऐसे में देखना होगा कि जांच रिपोर्ट में कौन- कौन दोषी पाए जाते है और किन - किन पर गाज गिरती है.क्योंकि जल जीवन मिशन में इससे पहले भी कई मामलों में पीएचईडी पर भ्रष्टाचार के दाग लग चुके है.