डूंगरपुर में करोड़ों की शराब, कागजों में खत्म बताकर तस्करों को बेची, कमाया मोटा मुनाफा
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डूंगरपुर में करोड़ों की शराब, कागजों में खत्म बताकर तस्करों को बेची, कमाया मोटा मुनाफा

डूंगरपुर जिले की बिछीवाड़ा थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर निस्तारण समिति की मौजूदगी में 25 और 26 अगस्त को अवैध शराब के निस्तारण की कार्रवाई की थी. 

डूंगरपुर में करोड़ों की शराब, कागजों में खत्म बताकर तस्करों को बेची, कमाया मोटा मुनाफा

Dungarpur : भ्रष्टाचार के मामले में सुर्खियों में रहने वाली डूंगरपुर पुलिस पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगे है. जिले की बिछीवाड़ा पुलिस पर जब्तशुदा शराब के निस्तारण के दौरान लाखों की शराब निस्तारित नहीं कर तस्करों को बेच देने और अवैध शराब से भरी ट्रक पकड़ने के बाद बदनीयती से ट्रक चालक को भगा देने के आरोप लगे है.

शिकायत मिलने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी राशि डोगरा ने विभागीय जांच शुरू कर दी है. वही मामले में एएसपी, बिछीवाड़ा थानाधिकारी और मालखाना प्रभारी को निलंबित किया गया है, वही दो कांस्टेबल लाइन हाजिर किये गए है.

डूंगरपुर जिले की बिछीवाड़ा थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर निस्तारण समिति की मौजूदगी में 25 और 26 अगस्त को अवैध शराब के निस्तारण की कार्रवाई की थी. इस कार्रवाई में वर्ष 2012 से 2020 के बीच 26 मुकदमों की 9 हजार कार्टन से अधिक शराब को नष्ट करना बताया था. जिसकी कीमत 5 करोड़ रुपए से अधिक थी.

इसी बीच 2 सितंबर को गुजरात पुलिस की स्टेट मॉनिटरिंग सेल ने महिसागर जिले के कोटम्बा थाना क्षेत्र में अवैध शराब से भरी एक कार को जब्त किया था. वही कार सवार तस्कर मौके से भाग गए थे. कार्रवाई में गुजरात की कोटम्बा पुलिस ने कार से वर्ष 2015 और 2016 की हरियाणा निर्मित सवा 2 लाख रुपये की शराब जब्त की थी.

इधर डूंगरपुर एसपी राशि डोगरा को शिकायत मिली थी, कि गुजरात में जब्त की गई, शराब बिछीवाड़ा थाने में निस्तारित की गई शराब का हिस्सा हो सकती है, क्योंकि गुजरात पुलिस की तरफ से जब्त की गई शराब का साल वही था. जिस साल की शराब बिछीवाड़ा थाने में नष्ट बताई गई है. ऐसे में एसपी राशि डोगरा ने टीम का गठन कर विभागीय जांच शुरू करवाई.

इधर विभागीय जांच शुरू होने से एसपी राशि डोगरा ने दो अलग-अलग आदेश जारी कर बिछीवाड़ा थाने के माल खाना इंचार्ज हेड कांस्टेबल रतनाराम को निलंबित कर दिया है, वही बिछीवाड़ा थाना अधिकारी रणजीत सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है. वही लाइन हाजिर किये जाने के बाद उदयपुर रेंज आईजी ने थानाधिकारी को निलंबित कर दिया. इधर आठ सदस्यीय निस्तारण समिति में शामिल डूंगरपुर एएसपी अनिल मीणा की भूमिका भी संदिग्ध मानते हुए निलंबित कर दिया है. 

शराब निस्तारण समिति के अन्य सदस्यों की भूमिका भी संदिग्ध
बिछीवाड़ा थाना पुलिस की तरफ से जब्त शराब के लिए गठित आठ सदस्य टीम में से पुलिस विभाग के एएसपी अनिल मीणा, बिछीवाड़ा थानाधिकारी रणजीत सिंह और मालखाना इंचार्ज हैड कांस्टेबल रतनाराम को तो पुलिस विभाग ने शराब बेचने की शिकायत और विभागीय जांच के चलते निलंबित कर दिया है.

लेकिन इस निस्तारण में टीम में बिछीवाड़ा एसडीएम अश्विन कुमार, जिला आबकारी अधिकारी हरीश रोलन, कोषाधिकारी जितेन्द्र मीणा, आबकारी सीआई राजीव सिंह और आबकारी कार्यालय सहायक अनिल मीणा शामिल थे. इस टीम की निगरानी में ही दो दिन में 9 हजार कार्टन शराब को नष्ट किया गया था. ऐसे में इन सदस्यों की संदिग्ध भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है.

बिछीवाड़ा थाने में चल रहा जब्त शराब का भौतिक सत्यापन
डूंगरपुर एसपी राशि डोगरा की ओर से इस पूरे मामले की गंभीरता से विभागीय जांच करवाई जा रही है. वही इसके साथ ही एसपी राशि डोगरा की ओर से बिछीवाड़ा थाना पुलिस द्वारा अब तक जब्त की गई. अवैध शराब के कार्टन का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है, जिसमें गठित टीम की तरफ से एक-एक मुकदमे में जब्त एक-एक शराब के कार्टन की गिनती की जा रही है. वही थाने में जिस जगह गड्ढा खोद कर शराब की टूटी बोतले निस्तारित की गई. वहां पर वापस खुदाई कराई गई और जहां से भी कई तथ्य मिले है.

शराब तस्करों से गठजोड़ मामले में 2 कांस्टेबल भी लाइन हाजिर
इधर बिछीवाड़ा थाना पुलिस का शराब तस्करों से गठजोड़ का एक ओर मामला भी पिछले दिनों सामने आया था. 29 अगस्त को गुजरात की सीमा रतनपुर बॉर्डर पर अवैध शराब से भरा ट्रक पकड़ा था. इस मामले में भी रतनपुर चौकी स्टाफ पर शराब तस्करों से गठजोड़ करते हुए, ट्रक चालक को पकड़ने के एक घंटे बाद उसे बदनीयती से भगा देने की शिकायत मिली थी. इस मामले में भी एसपी राशि डोगरा ने रतनपुर चौकी पर तैनात कांस्टेबल कुणाल जोशी और देवीसिंह को लाइन हाजिर करते हुए मामले की जांच सागवाडा डिप्टी को सौंप दी है.

बहराल इस पूरे मामले की जांच एसपी राशी डोगरा के निर्देश पर करवाई की जा रही है. वही जांच पूरी होने के बाद ही पुलिस और शराब तस्करों के बीच के गठजोड़ का खुलासा हो पायेगा. लेकिन पिछले कुछ माह पहले शराब ठेकेदारो से बंदी के रूप में रिश्वत मामले में दो थानाधिकारी सहित चार पुलिस कर्मियों के पकडे जाने ओर अब इस प्रकरण से डूंगरपुर पुलिस की छवि धूमिल हुई है. खैर अब देखने वाली बात होगी कि जिले में बिगड़ रही पुलिस की छवि को सुधारने के लिए कप्तान राशि डोगरा आगे क्या सख्त कदम उठाती है.

रिपोर्टर - अखिलेश शर्मा

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