चित्तौड़ की ये 18 साल की लड़की बनी करोड़ों युवाओं के लिए मिसाल, आज दे रही नौकरियां
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1545826

चित्तौड़ की ये 18 साल की लड़की बनी करोड़ों युवाओं के लिए मिसाल, आज दे रही नौकरियां

चित्तौड़गढ़ के आसपास निंबाड़ा भीलवाड़ा मंदसौर तक जा रहे हैं मिट्टी के कुल्लड़, दीपक, तावा और भी कई सामान इससे पहले गणेश चतुर्थी के अवसर पर बनाई थी मिट्टी की मूर्तियां जो शहर में निशुल्क वितरण की गई सारा पैसा श्रीनाथ समूह की सुनीता शर्मा द्वारा दिया गया और उस समय मिट्टी की मूर्तिया

चित्तौड़ की ये 18 साल की लड़की बनी करोड़ों युवाओं के लिए मिसाल, आज दे रही नौकरियां

Chittorgarh News : चित्तौड़गढ़ के आसपास निंबाड़ा भीलवाड़ा मंदसौर तक जा रहे हैं मिट्टी के कुल्लड़, दीपक, तावा और भी कई सामान इससे पहले गणेश चतुर्थी के अवसर पर बनाई थी मिट्टी की मूर्तियां जो शहर में निशुल्क वितरण की गई सारा पैसा श्रीनाथ समूह की सुनीता शर्मा द्वारा दिया गया और उस समय मिट्टी की मूर्तियां मुंबई पुणे महाराष्ट्र पहुंची. आज उन्हीं लोग कुल्लड़ में मिट्टी के बर्तन लेकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में कोशिश कर रहे हैं तो फिर सरकारी योजना और सरकारी लोन इन महिलाओं को क्यों नहीं मिल पाता चारदीवारी के अंदर चलने वाले सरकार की योजनाओं के खिलाफ तो लगातार गरीब महिलाएं पहले थी और आज फिर एक और देखने को मिला राधिका प्रजापत का कहना है 12 वर्ष की उम्र से काम कर रही है. 8 महिलाओं को रोजगार ₹200 पर डे महिलाओं को देखकर उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने की कोशिश जब प्राइवेट बैंक यहां तक पहुंच जाते हैं. लोन लेने के लिए तो सरकारी अधिकारी व कर्मचारी चारदीवारी में ही अपनी योजनाओं का गुणगान गा रहे हैं. क्या गरीब महिलाओं को सरकार से मिलने वाली आर्थिक योजना का लाभ मिलेगा या आज अपना घर बेचकर ऐसे ही कई परिवार अपना काम चलाते रहेंगे.

आज मकान बेचकर करीब 8 से 10 मशीनें लगाकर कई महिलाओं को रोजगार दे रहे हैं और भारत के कई राज्यों में इनके सामान जा रहे हैं आज गर्मी के मौसम में पहले जो शहर में निशुल्क वितरण किए जाते हैं तो इन महिलाओं से खरीद कर इनकी आजीविका बढ़ाने का कार्य कर सकते हैं और सरकार को आगे आकर ऐसी महिलाओं को आगे लाना चाहिए और ऐसी बालिकाओं को सम्मान सरकार द्वारा करना चाहिए जो अपने आसपास की महिलाओं को रोजगार काम और अपने शहर की कला को दिखाने का कार्य कर रही है इससे पहले भी कई बार इस बालिका का कार्य दिखाया गया लेकिन आज तक सरकारी अधिकारी यहां तक पहुंच नहीं पाए.

आज 18 वर्ष की जब बालिका इस तरह का कार्य करती है तो उसे सम्मान और उसे आगे लाकर सरकार को योजनाओं का लाभ पहुंचाना चाहिए श्रीनाथ समूह सुनीता शर्मा जब यह महिलाएं कोई भी त्यौहार होती है तब आगे आकर शहर में कई तरह के सामान निशुल्क वितरण करती है तो आज इन महिलाओं को आजीविका बनाने में भी सरकार मदद कर सकती और शहर के लोग लोकल फॉर वोकल सबसे पहले कोविड-19 काम में आया था जब सारा शहर बनता तब इन्हीं महिलाओं ने आगे आकर शहर की सुरक्षा पुलिस आम जनता और लोगों तक मास्को व निशुल्क का  भी वितरण करने में सहयोग किया था आज अधिकारियों को आकर खोलनी चाहिए और इन महिलाओं को सहयोग के रूप में आगे लाकर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना चाहिए जिससे शहर की बेटियां आगे आए और समाज और आसपास की महिलाओं का सहयोग कर पाए आंखों से देख कर और बंद कर लेना यह लगातार शहर में चलता रहा है आज इन महिलाओं के सहयोग में कोई सरकारी राजनेता और अधिकारी नहीं आया जितना मुझसे होता है उतना मेरे कस्टमर और ऑनलाइन के माध्यम से उनको मदद करने की कोशिश करती आ रही है आज इसकी मूर्तियां मैंने भारत के हर कोने में पहुंचाने में मदद की और इसे जयपुर से भी मदद दिलाने की कोशिश कर रही हूं जैसे कि यह नेशनल लेवल पर अपने शहर का नाम कर सकें.

पढ़ें IAS-IPS की Success Story..

राजस्थान की मुस्लिम बेटी जो महज 26 साल की उम्र में बनी IAS, परिवार में हैं 14 अधिकारी

तीन बार फेल हुआ, फिर कोशिश की और हिंदी मीडियम से पढ़ कर राजस्थान का ये छोरा बना IAS

बिना कोचिंग के सीकर की प्रीति चन्द्रा ने क्लियर की UPSC, आज नाम से भी थर-थर कांपते हैं बदमाश

Trending news