Bikaner Dalit Girl Gangrape: बीकानेर में दलित युवती के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में तत्कालीन थानाधिकारी पर गाज गिरी. परिजनों ने मृतका के शव का अंतिम संस्कार किया. वहीं प्रशासन ने भी आरोपियों की धरपकड़ तेज कर दी. इस मामले में पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया. प्रदेश में इस मामले को लेकर राजनीति गरमाई हुई है.
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Bikaner Dalit Girl Gangrape: बीकानेर के खाजूवाला से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां रक्षक ही भक्षक बन गए. आरोप हैं कि खाजूवाला में दलित युवती के साथ पुलिस कर्मियों ने गैंगरेप किया है. उसके बाद उसके अस्पताल छोड़कर भाग गए. अस्पताल में छोड़कर भागने का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. जिसमें पुलिसकर्मी दिखाई दे रहे है.
बीकानेर में दलित युवती के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. परिजनों का आरोप है कि मुख्य आरोपी दिनेश विश्नोई पिछले 10-15 दिन से युवती को परेशान कर रहा था. 20 वर्षीय युवती अपने गांव चक 2 केजेडी से कम्प्यूटर कोर्स करने रोज सुबह खाजूवाला में कोचिंग सेंटर पर आती थी, आरोपी उसका पीछा करता था. उसने कोचिंग सेंटर और घर पर यह बात बताई. उसके बाद भाभी के साथ आने लगी फिर भी आरोपी बाज नहीं आए.
आरोप है कि 20 जून को सुबह 10 बजे उसकी बेटी कोचिंग आई तब दिनेश बिश्नोई ने खाजूवाला थाने के पुलिसकर्मी मनोज बिश्नोई व भागीरथ बिश्नोई ने उसका अगवा कर एक मकान में ले गए. जहां दिनेश बिश्नोई और दो लोगों ने रेप किया जिससे उसकी बेटी की मौत हो गई. आरोप है की घटना को छिपाने के लिए शव को सिनेमाघर के पास फेककर चले गए ताकि किसी को शक न हो.
खाजूवाला में दलित युवती के साथ हुए गैंगरेप के बाद हत्या का मामले में कई घटनाक्रम मोड़ आए. परिजनों के साथ स्थानीय भाजपा नेता विश्वनाथ की अगुवाई में पहले दो दिन चले प्रदर्शन और आरोपियों की गिरफ्तारी की चली मांग पर दूसरे दिन आइजी ओम प्रकाश और एसपी तेजस्वनी गौतम के साथ प्रतिनिधिमंडल की लंबी वार्ता हुई और सहमति बन गई. इसके बाद देर शाम युवती के शव का पोस्टमार्टम किया गया, लेकिन अगली सुबह इस मामले में नया मोड़ आते हुए परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले शव लेने से इंकार कर दिया और मोर्चरी के आगे प्रदर्शन होने लगा.
दलित युवती के रेप हत्या के मामले को बढ़ाता देख बीजेपी भी एक्शन मोड़ पर आ गई पहले प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी ने सरकार को घेरा तो वहीं तीन सदस्य की जांच कमेटी गठित कर खाजूवाला के लिए रवाना कर दी. कमेटी में विधायक अनिता भदेल, जोधपुर मेयर विनीता सेठ व SC मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को शामिल किया गया. कमेटी के सदस्य खाजूवाला पहुंच पीड़ित परिवार से मिले साथ ही अधिकारियों से वार्ता की. वही दिल्ली से आई महिला आयोग की टीम ने भी वार्ता की.
चौथे दिन दोपहर बाद संभागीय आयुक्त नीरज के पवन, जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल, एसपी तेजस्वनी गौतम व मृतका के परिजन के साथ साथ जनप्रतिनिधियों की लंबी बैठक के बाद सहमति बनी. परिजनों ने मृतका के शव का अंतिम संस्कार किया वही प्रशासन ने भी आरोपियों की धरपकड़ तेज कर दी.
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पुलिस ने मुख्य आरोपी दिनेश पर 25 हजार का इनाम घोषित किया वही देर शाम दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने नामजद दोनों कॉन्स्टेबल को पहले ही बर्खास्त कर दिया था. बर्खास्त पुलिसकर्मी मनोज कुमार व गाड़ी चालक राकेश को गिरफ्तार कर दोनों से पूछताछ की जा रही है.
खाजूवाला विधायक और आपदा मंत्री ने आज भाजपा पर लाश पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पलटवार करते हुवे केबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल कहा की जो दोषी उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही होनी चाहिए. बीजेपी बॉडी लेकर बैठ गई राजनीति चमकाने के लिए बॉडी को लेकर बैठ गए. हमने लाश की राजनीति कभी नहीं की खाजूवाला की जनता इनके साथ नहीं थी. बीजेपी पर मैं आरोप लगता हूं कीअगर इसमें कोई नेगेटिव रिपोर्ट आयी आरोप साबित नहीं हुआ, मुलजिम बरी हुए तो बीजेपी और उनके नेता ज़िम्मेवार होंगे. पीड़ित परिवार से मिल संतावना प्रदान की.
दलित युवती के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में अभी तक मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होना जहां एक सवालिया निशान लगा रहा है. तो वहीं दूसरी ओर पक्ष विपक्ष लगातार एक दूसरे पर हमलावर होते नजर आ रहे है. अब सवाल ये की जिन दो आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ थानाधिकारी के बरखास्तगी का एक्शन लिया गया उसमे चार दिन की देरी क्यों. आखिर कब तक गैंगरेप और हत्या के मामलों के सड़कों पर बैठेगी जनता !